
नई दिल्ली: Mahua Maji: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सोमवार रात अचानक दिए गए इस्तीफे ने देश की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
VIDEO | Delhi: JMM MP Mahua Maji (@mahuamajilive) on Jagdeep Dhankhar’s resignation as Vice President says, “One can’t say anything but the way the resignation has come… it has given rise to speculations. The health may be a reason; however, this Session could have been… pic.twitter.com/d0qJXoOjrQ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2025
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की राज्यसभा सांसद महुआ माझी ने इस फैसले पर गहरी हैरानी जताते हुए कहा कि “अगर इस्तीफा देना ही था तो मानसून सत्र के बाद दिया जा सकता था।”
महुआ माझी ने समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में कहा,
“यह बहुत चौंकाने वाला है। संसद सत्र के पहले दिन आकर उसी रात इस्तीफा देना संदेह पैदा करता है। अगर स्वास्थ्य वजह होती, तो पहले भी उनकी सर्जरी के बाद वह कुछ दिन में लौट आए थे। यह समय और तरीका दोनों अजीब हैं। सरकार को इस पर सफाई देनी चाहिए।”
Mahua Maji News: “स्वास्थ्य कारण बहाना?” विपक्ष के सुर में सुर
महुआ माझी ने यह भी कहा कि धनखड़ संसद में बिल्कुल स्वस्थ दिखे, इसलिए उनके स्वास्थ्य को इस्तीफे का कारण बताना पर्याप्त नहीं लगता। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर उन्हें वास्तव में कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या होती, तो वे मीडिया के सामने आकर स्वयं स्पष्टीकरण देते।
इस संदर्भ में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा,
“अगर सच्चाई छुपाने की कोशिश की जा रही है, तो यह लोकतंत्र के लिए ठीक संकेत नहीं हैं।”
Mahua Maji : विपक्ष में आशंका और कयास
धनखड़ के इस्तीफे को लेकर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य कारण सिर्फ बहाना लगते हैं। असल में शायद भाजपा सरकार से उनके मतभेद या विशेषाधिकार को लेकर नाराजगी इसकी असली वजह हो।”
Mahua Maji: भाजपा ने दी सफाई
वहीं, भाजपा सांसद डॉ. भागवत किशनराव कराड ने कहा कि
“धनखड़ कुछ दिन पहले एम्स में भर्ती थे। उन्होंने पूरी तरह स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है।”
हालांकि सत्ता पक्ष से अब तक कोई आधिकारिक विस्तृत बयान नहीं आया है, जिससे अटकलों को और बल मिल रहा है।
क्या है आगे?
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होनी है। इस घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह सिर्फ स्वास्थ्य कारणों तक सीमित मामला है, या इसके पीछे कुछ बड़ा राजनीतिक संकेत छिपा है?
अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रतिक्रिया पर हैं।
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