
Bokaro: लुगू पहाड़ की तलहटी में सोमवार को हुई मुठभेड़ में झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों को अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है।
Union Home Minister Amit Shah hailed a major anti-Naxal success as security forces neutralized eight Maoists, including top leader Vivek, who carried a Rs 1 crore bounty, in a joint operation at Lugu Hills, Bokaro, Jharkhand. The early morning encounter involved CRPF’s CoBRA… pic.twitter.com/vOSeb8U4MR
— DD News (@DDNewslive) April 21, 2025
इस एनकाउंटर में 8 नक्सलियों को मार गिराया गया, जिनमें एक करोड़ का इनामी और सेंट्रल कमेटी का सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ विवेक भी शामिल है।
Bokaro Naxal Encounter: ‘डाकबेड़ा’ ऑपरेशन की बड़ी सफलता
एडीजी (अभियान) संजय आनंद लाठकर ने बताया कि यह मुठभेड़ ‘डाकबेड़ा’ नामक ऑपरेशन का हिस्सा थी, जिसमें कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर, एसटीएफ और जिला पुलिस बल के जवान शामिल थे। मारे गए नक्सलियों के पास से 14 हथियार भी बरामद हुए हैं।
Bokaro Naxal Encounter: मारे गए शीर्ष नक्सली
इस मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में शामिल हैं:
- प्रयाग मांझी उर्फ विवेक (1 करोड़ का इनामी) – टुंडी, धनबाद निवासी, 37 आपराधिक मामलों में वांछित
- अरविंद यादव उर्फ अविनाश – जमुई, बिहार निवासी, 85 मामलों में नामजद, 3 लाख का इनामी
- साहेब राम मांझी – गिरिडीह निवासी, 10 लाख का इनामी
- तालो दी – महिला नक्सली, खुखरा थाना क्षेत्र निवासी
- रंजू देवी – डुमरी निवासी महिला नक्सली
- महेश मांझी उर्फ मोटा – गिरिडीह का सक्रिय माओवादी
इसके अतिरिक्त, भारी मात्रा में हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी भी हुई, जिसमें चार इंसास राइफल, एक एसएलआर और अन्य सामान शामिल हैं।
Bokaro Naxal Encounter: एडीजी की चेतावनी – अब भी समय है, सरेंडर कर दें
एडीजी लाठकर ने कहा कि यदि ये नक्सली आत्मसमर्पण कर देते तो जिंदा होते। उन्होंने बाकियों को चेतावनी देते हुए कहा, “जो बचे हुए नक्सली हैं, वे झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाएं, नहीं तो परिणाम वही होगा जो इनका हुआ।” उन्होंने यह भी कहा कि गिरिडीह के पारसनाथ, बोकारो के झुमरा और लुगू पहाड़ इलाकों से नक्सलियों का सफाया हो चुका है, और सारंडा में अंतिम दौर की लड़ाई चल रही है।
Bokaro Naxal Encounter: सीआरपीएफ की सराहना, नक्सलियों को आखिरी मौका
सीआरपीएफ के आईजी साकेत सिंह ने झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों के तालमेल की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह इस समन्वय का ही परिणाम है कि राज्य में लगातार सफलताएं मिल रही हैं। साथ ही उन्होंने नक्सलियों से देश की बेहतरीन सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठाने की अपील की।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई
झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों द्वारा की गई इस कार्रवाई को राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक मोड़ माना जा रहा है। सुरक्षा बलों का अगला लक्ष्य अब शेष बचे माओवादियों को या तो आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना या पूरी तरह खत्म करना है।



