Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री Babulal Marandi ने आज विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का मीडिया के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री बाबूलाल मरांडी जी आज विधानसभा शीतकालीन सत्र से निलंबित भाजपा विधायकों के साथ सदन के बाहर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।@BJP4India @narendramodi @JPNadda @AmitShah @blsanthosh @BJP4Jharkhand pic.twitter.com/ht6Et4C7Pe
— Office of Babulal Marandi (@babulalmarandi) December 20, 2023
श्री मरांडी ने कहा कि स्थानीय और नियोजन नीति पर राज्य सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए बिल के संबंध में मुझे दो शब्द भी बोलने नही देना सदन के एक वरिष्ठ सदस्य के प्रति अपमान है। मैं केंद्र में मंत्री ,सांसद भी रहा हूं। लोकसभा और राज्यसभा में यदि कोई वरिष्ठ सदस्य बोलने केलिए हाथ उठाते हैं तो उन्हें बोलने का अवसर जरूर दिया जाता है।
लेकिन आज राज्य के महत्वपूर्ण मुद्दा स्थानीय,नियोजन नीति से संबंधित बिल पर तीन बार हाथ उठाने के बाद भी अध्यक्ष ने बोलने का अवसर नहीं दिया। कहा कि यदि सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष दोनो बोलने के बाद किसी सदस्य को यदि विधानसभा अध्यक्ष ने बोलने का अवसर नहीं दिया होता तो मैं समझ सकता था लेकिन केवल मेरे साथ अपमानजनक व्यवहार करना यह अध्यक्ष की निष्पक्षता नही बल्कि दुर्भावना से प्रेरित राजनीतिक व्यवहार है।
कहा कि मैं आज इसलिए भी दुखी और पीड़ित महसूस कर रहा हूं कि भले विधानसभा अध्यक्ष मुझे भाजपा का नही मानते ,लेकिन एक विधायक के नाते मैं राज्य के महत्वपूर्ण विषय पर अपनी राय देने का हकदार हूं।आखिर क्षेत्र की जनता ने मुझे इसीलिए तो चुना है।
स्थानीय नीति ,नियोजन नीति पर राजनीति नहीं करे हेमंत सरकार: Babulal Marandi
सदन में महामहिम राज्यपाल द्वारा सुझाओं के साथ लौटाए गए स्थानीय और नियोजन नीति बिल को सदन में हुबहू पुनः पेश किए जाने पर मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार केवल राजनीति कर रही। इसकी मंशा साफ नहीं है। भाजपा राज्य की जन भावनाओं का पूरा सम्मान करती है। इसका बड़ा उदाहरण अलग झारखंड राज्य का निर्माण है।
उनकी सरकार ने तो कैबिनेट में निर्णय लेकर नियुक्तियां की थी: Babulal Marandi
उन्होंने कहा कि वर्ष 2004से 2014 10वर्षों तक केंद्र में यूपीए शासन रहा तथा राज्य में भी अधिकांश समय राष्ट्रपति शासन रहा। साथ ही हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री रहे,स्थानीय नीति के मुद्दे पर ही अर्जुन मुंडा की सरकार गिराकर मुख्यमंत्री भी बने।लेकिन कभी भी नियोजन नीति को लेकर कोई पहल नहीं की। नियोजन और स्थानीयता तय करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। उनकी सरकार ने तो कैबिनेट में निर्णय लेकर नियुक्तियां की थी।
अर्जुन मुंडा की सरकार ने भी नियुक्तियां की और फिर रघुवर दास की सरकार ने 2016 में नीति बनाकर नियुक्तियां की। कहा कि राज्य गठन से लेकर 2019तक भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने ही नियुक्ति की। हेमंत सरकार तो नियमावली के नाम पर केवल युवाओं को धोखा दिया है।
इसे नीति को उलझाने से बचना चाहिए: Babulal Marandi
विधानसभा के पटल पर आए जवाब में हेमंत सरकार द्वारा की गई नियुक्ति केवल नाममात्र के हैं। जोनियुक्ति हुए भी वे रघुवर सरकार द्वारा निकाले गए विज्ञापनों की है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार यदि युवाओं को नौकरी देने का इरादा रखती है तो इसे नीति को उलझाने से बचना चाहिए।
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