
रांची। CM Hemant Soren के स्पेन और स्वीडन दौरे को लेकर BJP ने कड़ा प्रहार किया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता Pratul Shah Deo ने इसे करदाताओं के पैसे की बर्बादी बताते हुए कहा कि यह यात्रा औद्योगिक निवेश के नाम पर “कैमरा एक्सपोजर” और “सैर-सपाटे” की योजना मात्र है।
कमाल करते हैं हिम्मत बाबू!
उद्योग के लिए विदेश जा रहे हैं और उद्योग मंत्री को ही ले जाना भूल रहे हैं। pic.twitter.com/rvRRP1seX3
— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) April 18, 2025
प्रतुल ने कटाक्ष करते हुए कहा, “स्वीडन और स्पेन में 2024 में लगभग 13 करोड़ पर्यटक आए थे और अब मुख्यमंत्री जी अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ इस संख्या में इजाफा करने निकले हैं।” उन्होंने दावा किया कि इस दौरे का उद्देश्य पर्यटन है, न कि राज्य में औद्योगिक निवेश को आकर्षित करना।
भाजपा प्रवक्ता ने झारखंड की अर्थव्यवस्था को खनन और कृषि प्रधान बताते हुए कहा कि स्पेन और स्वीडन की आर्थिक संरचना इन क्षेत्रों से मेल नहीं खाती। “स्पेन की जीडीपी में कृषि का योगदान मात्र 2.5% और स्वीडन में 1.7% है, जबकि झारखंड और भारत में यह अनुपात कहीं अधिक है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की खनन तकनीक इन देशों की तुलना में अधिक उन्नत है, ऐसे में तकनीकी या निवेश की अपेक्षा निरर्थक है।
प्रतुल ने यूरोप की मौजूदा आर्थिक चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि स्पेन और स्वीडन स्वयं मंदी और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। “स्पेन में युवाओं की बेरोजगारी दर 28.4% और स्वीडन में 23.8% है। ऐसे हालात में वे झारखंड में निवेश करने की बजाय अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में लगे हैं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मुख्यमंत्री को स्पेन का टोमैटो फेस्टिवल, बुल चेज़ और ला लिगा फुटबॉल लीग बहुत आकर्षित करती होंगी। यह दौरा शायद इन्हीं जगहों की सैर के लिए हो रहा है।”
सबसे बड़ा सवाल उठाते हुए प्रतुल ने कहा कि इस प्रतिनिधिमंडल में उद्योग मंत्री की अनुपस्थिति ही साबित करती है कि यह कोई गंभीर औद्योगिक दौरा नहीं है। “यह बारात तो दूल्हे के बिना ही रवाना हो गई,” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा।
प्रतुल ने मुख्यमंत्री को स्वीडन के स्टॉकहोम में बोफोर्स मुख्यालय जाकर “सीखने” की सलाह दी, जहां कांग्रेस की पुरानी सरकार का चर्चित बोफोर्स घोटाला जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने वाले हेमंत सोरेन को यह देखना चाहिए कि “भ्रष्टाचार का रास्ता कैसे सुगम होता है।”
अंत में प्रतुल ने भविष्यवाणी की कि यह दौरा कुछ तस्वीरें और खानापूर्ति वाले समझौतों तक ही सीमित रहेगा, और कुछ ही दिनों में इसे भुला दिया जाएगा। “पर्यटन का उद्देश्य जरूर सफल होगा,” उन्होंने जोड़ा।
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