WhatsApp के खिलाफ पुलिस ने साइबर अपराध मामले में दर्ज की FIR
WhatsApp, जो दुनिया का सबसे पॉपुलर मैसेजिंग ऐप है, भारत में साइबर अपराधियों के निशाने पर आ चुका है। हाल ही में हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने WhatsApp के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
#BreakingNews: Gurugram Police registers FIR against #WhatsApp after it allegedly failed to comply with statutory directives related to an investigation
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— Mirror Now (@MirrorNow) September 29, 2024
पुलिस के बार-बार अनुरोध पर जानकारी देने में विफल रहा WhatsApp
मामला यह है कि गुरुग्राम पुलिस ने एक संवेदनशील साइबर अपराध की जांच के सिलसिले में WhatsApp से जानकारी मांगी थी, लेकिन कई बार अनुरोध करने के बावजूद कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी।
गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई को WhatsApp को नोटिस भेजकर कुछ मोबाइल नंबरों से जुड़ी जानकारी मांगी थी, लेकिन WhatsApp ने न केवल जानकारी देने से इनकार किया, बल्कि कानूनी निर्देशों का उल्लंघन भी किया। इसके बाद पुलिस ने 25 जुलाई को एक और नोटिस भेजा, फिर भी WhatsApp की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। आखिरकार 28 अगस्त तक भी कोई जानकारी नहीं मिलने पर पुलिस ने WhatsApp के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया और 28 सितंबर को गुरुग्राम के साइबर क्राइम ईस्ट पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कर दिया।
कंपनी पर गैर-पेशेवर रवैये और कानून उल्लंघन का आरोप
पुलिस ने WhatsApp पर गैर-पेशेवर रवैये का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले में कंपनी की निष्क्रियता के चलते आरोपियों को मदद मिल रही है। पुलिस ने कहा कि WhatsApp कानूनी रूप से बाध्य होने के बावजूद जानकारी न देकर मौजूदा कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इस पूरे मामले में WhatsApp के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ धारा 223(ए), 241, 249(सी) बीएनएस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
साइबर अपराधियों ने WhatsApp जैसे प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करके लोगों को ठगने के कई तरीके अपनाए हैं। फर्जी पार्ट-टाइम जॉब्स, इनवेस्टमेंट स्कीम्स और अन्य धोखाधड़ी के जरिए कई लोगों के बैंक खाते खाली कर दिए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जहां साइबर अपराधियों ने लोगों को डिजिटल रूप से जाल में फंसाया है। ऐसे मामलों के बढ़ते प्रसार के बीच WhatsApp जैसी बड़ी कंपनियों से सहयोग की उम्मीद की जाती है, लेकिन कंपनी की ओर से उचित जानकारी न मिलने पर यह एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत WhatsApp और पुलिस के बीच यह मामला कैसे आगे बढ़ता है और क्या इस घटना के बाद साइबर अपराध से निपटने के लिए कोई नई रणनीति अपनाई जाएगी।