
Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजस्थान में हो रहे नव संकल्प शिविर में किसानों (Farmers) के मुद्दों पर चर्चा के दौरान कहा कि इस देश में किसानों की सबसे बड़ी आबादी है, फिर भी उसे कोई देखने व सुनने वाला नहीं है, विशेषकर छोटे व मंझोले किसानों को ।कृषि एक ऐसा सेक्टर है,जिसमें सबसे ज्यादा लोग रोजगार के लिए निर्भर हैं ।61.5%ग्रामीण परिवार खेती पर अपनी आजीविका के लिए खेती पर निर्भर है ।देश मे 85%किसान तो छोटे सीमांत किसान की श्रेणी मे आते हैं ।ये लोग तो बुनियादी जरूरत को भी पूरा नही कर पाते।
नव संकल्प शिविर के माध्यम से किसान और उसकी समस्याओं को लेकर हम सभी चिंतन कर रहे हैं।
मैं इसके लिए आदरणीय सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी को धन्यवाद करती हूं। मंथन में आज कई सारी चीजें सामने आई कि आखिर हम देश के किसानों को क्या दिशा और दशा देना चाह रहे हैं।#NavSankalpShivir pic.twitter.com/EuOiN8zMwP
— Congress (@INCIndia) May 14, 2022
Farmers: खेती मे लगे लोगों की आमदनी भी स्वाभाविक रुप से कम है
कृषि मे उत्पादकता बड़ी समस्या है ।हमारे देश मे कृषि को उत्पादकता कम है ।ज्यादा लोग खेती करते हैं ।प्रोडक्टिविटी कम है ।तो खेती मे लगे लोगों की आमदनी भी स्वाभाविक रुप से कम है ।वहीं इंडस्ट्री मे कम लोग लगे हैं ।तुलनात्मक रूप से इंडस्ट्री की उत्पादकता ज्यादा है तो उनकी औसत आय किसान से ज्यादा है।
कम उतपादकता का कारण खेती मे मशीनीकरण का कम होना है।हमारे देश मे 50%मशीनीकरण है जबकि अमेरिका मे 95% और ब्राजील मे 75% मशीनीकरण है।

जलवायु परिवर्तन के जोखिमों से निपटने की ब्यवस्था मजबूत करना ज़रूरी है
श्री ठाकुर ने कहा कि बीज, मशीनीकरण ,भंडारण, मारकेटिंग ब्यवस्था, रिसर्च पर ज्यादा खर्च ,डेयरी फिशरीज का बजटीय आबंटन ग्रोथरेट के हिसाब से ,जलवायु परिवर्तन के जोखिमों से निपटने की ब्यवस्था मजबूत करना ज़रूरी है, तभी हम सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी की सोच का भारत बना सकेंगे ।
दूसरे दिन उदयपुर में आयोजित नव संकल्प शिविर की झलकियाँ।
“जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस” #NavSankalpShivir pic.twitter.com/axlkXLl1Uq
— Jharkhand Congress (@INCJharkhand) May 14, 2022
राजेश ठाकुर ने कहा कि ये ठीक है कुछ फसलों को MSP मिलती है, उसका दायरा बढ़ाकर सब्ज़ी उगाने वाले किसानों तक ले जाने की ज़रूरत है।फल एवं सब्ज़ी को भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस की ज़रूरत है ।क़र्ज़ माफ़ी पर्मानेंट सॉल्यूशन नहीं है इसलिए हमें छोटे किसानों को मदद करने की ज़रूरत है।उन्हे बिजली में भी सब्सिडी दिये जाने की ज़रूरत है । अपने राज्य झारखंड में 3,90,090 किसानों का ५०००० तक का कर्ज़ माफ़ किया है, फिर भी किसानों की हालत अच्छी नहीं कही जा सकती ।
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