
Ranchi : JMM और Congress ने बाबूलाल मरांडी और ED पर बड़ा हमला बोलै है. JMM महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डाक्यूमेंट्स मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस कंपनी में कुल 3 निदेशक हैं.
रांची : जेएमएम का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर जोरदार हमला…’जमीनों की हेराफेरी में बाबूलाल मरांडी का लगा है पैसा’#Jharkhand #JharkhandNews pic.twitter.com/DyEABCr0eB
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) August 25, 2023
जिसमें एक रामिया मरांडी जो बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई हैं. दूसरी निलिमा तिवारी जो सुनील तिवारी की धर्मपत्नी हैं. तीसरे मिहिजाम के योगेंद्र तिवारी, जो निदेशक होने के संग बड़े जमीन दलाल हैं. कंपनी और जमीन दलाल के द्वारा संथाल परगना में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी गयी.
इतना ही नहीं, इस कंपनी में बाबूलाल मरांडी के काले धन को खपाया जाता है. ये सब बातें जब बीजेपी को पता चल गया और बाबूलाल मरांडी को हड़काया गया, तो उन्होंने बीजेपी में जाना ही उचित समझा. मतलब साफ है कि हर गलत काम करने वालों की सबसे सुरक्षित जगह बीजेपी बन गयी है.

JMM News: जेल जाने से बचने के लिए बीजेपी से जुड़े मरांडी
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, बाबूलाल मरांडी कहते हैं कि वे कुतुबमीनार से कूद गए थे, बीजेपी ने उन्हें बचाया. मगर सत्य यह है कि बाबूलाल मरांडी जेल जाने से बचने के लिए बीजेपी से जुड़े. अब मरांडी बीजेपी में अपनी छवि को साफ-सुथरा करने के लिए प्रतिदिन अनाप-शनाप कह रहे हैं.
अगर ईडी सच में भू घोटाले की जांच-पड़ताल कर रही है या निष्पक्ष जांच करना चाहती है, तो अपना दायरा बढ़ाए और केंद्र सरकार का कटपुतली बनने से बचे. नहीं तो पडोसी राज्य छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी ईडी का जनप्रतिरोध होगा. आगे हमसब और डाक्यूमेंट्स व सबूतों को सिलसिलेवार रूप से प्रस्तुत करते हुए सामने आएंगे.
JMM News: छवि खराब करने की सोची-समझी रणनीति
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, जैसे ही कोरोना समाप्त हुआ, सरकार अपने काम पर लग गयी. जब सरकार ने आम जनता का काम करना प्रारंभ किया और इसका लाभ लोगों को मिलने लगा, तो एक विकासशील सरकार की इमेज खराब करने और सरकार को अस्थिर करने का काम प्रारम्भ कर दिया गया. जब सरकार गिराने में बीजेपी सफल नहीं हुई, तो केंद्रीय जांच एजेंसियों को सरकार की इमेज खराब कराने में लगा दिया. अगर मुख्यमंत्री से कुछ पूछना है तो बहुत सारे माध्यम हैं.
जानकारी प्राप्त की जा सकती थी. परन्तु सीएम को समन करने का सीधा यही मतलब है कि सरकार की इमेज को जनता और मीडिया के बीच खराब करना. यह अब झारखण्ड और देश की जनता समझ रही है. केंद्र सरकार विपक्षी एकता से घबरा गयी है. इसलिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के यहां भी ईडी का रेड पड़ा. क्योंकि वहां जल्द ही इलेक्शन होने वाले हैं. परंतु वहां पर ईडी को जन विरोध का सामना करना पड़ा है.
JMM News: वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की इमेज खराब करने का प्रयास
कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा और सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के यहां ईडी का छापा पड़ा यह खबर तक़रीबन आधे दिन तक मीडिया में चलती रही. आश्चर्य की बात है कि अगर उनके बेटे का कोई संबंध था और उससे पूछना था, तो कई और तरीके हो सकते थे.
परन्तु सीधे मंत्री जी के यहां बिना किसी समन और नोटिस के पहुंच जाना सीधे तौर पर उनकी इमेज को खराब करने जैसा था. पूरा देश और राज्य जानता है कि वह पुलिस सेवा के आला अफसर रहे हैं, मैनुअल और नियम वह अच्छी तरह जानते हैं. संविधान समिति के अध्यक्ष रहे, पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे हैं. मगर ऐसे साफ छवि वाले नेता-मंत्री को बदनाम करने का प्रयास भाजपा ने ईडी के माध्यम से किया.
JMM News: …तो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर यहां भी ED का जन प्रतिरोध होगा
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर ईडी या अन्य जांच एजेंसियां बीजेपी का टूल बनकर काम करती रही. गैर भाजपाई सरकार को इसी रूप से तंग करती रही, तो आने वाले वक़्त में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखण्ड में भी ईडी का विरोध होगा. क्योंकि जनता द्वारा चुनी गयी सरकार को इस रूप से केंद्र सरकार और बीजेपी तंग नहीं कर सकती है. देश में कायदा -कानून है, जिसे सभी जानते हैं. बीजेपी अपने शासनकाल के काले कारनामों को इस सरकार से जोड़कर छवि खराब करने पर तुली है.
JMM News: सुदेश महतो और AJSU किस मुंह से डुमरी में प्रचार कर रहे हैं
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जिसने अपने कार्यकाल में ओबीसी का आरक्षण घटाकर आधा कर दिया. 1985 की स्थानीय नीति का समर्थन करने वाली आजसू पार्टी और उसके नेता सुदेश महतो किस मुंह से डुमरी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इन सब बातों का जवाब आने वाले दिनों में उन्हें डुमरी और राज्य की जनता को देना होगा. वे बीजेपी के समर्थन से चुनाव लड़ रहे हैं. इसलिए राज्य की जनता के प्रश्नो से वे बच नहीं सकते हैं.
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