
Ranchi: रांची में आज प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में BJP विधायक दल की बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कुमार राय, संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल, सचेतक नागेंद्र महतो, विधायक नीरा यादव, मनोज यादव, सत्येंद्र तिवारी, आलोक चौरसिया, देवेंद्र कुंवर, अमित यादव, रोशनलाल चौधरी, उज्जवल दास, प्रदीप प्रसाद, पूर्णिमा दास साहू, मंजू कुमारी सहित कई प्रमुख विधायक और पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब BJP
पार्टी के मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा—
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“हेमंत सरकार का विकास से कोई लेना-देना नहीं, यह सरकार केवल तुष्टीकरण और नाम बदलने की राजनीति में व्यस्त है।”
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राज्य के निर्माता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी एवं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे महापुरुषों के नाम पर केंद्रित योजनाओं का नाम बदलना न केवल उनका बल्कि पूरे राज्य और देश का अपमान है।
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“सरकार मदरसा से लेकर मदर टेरेसा तक की अपनी तथाकथित विकास यात्रा में गांव—देहात तक ‘चंगाई सभा’ और ‘मदर टेरेसा क्लीनिक’ के बहाने धर्मांतरण को हवा दे रही है।”
BJP Jharkhand: किसानों और रोजगार का मुद्दा, मतदाता सूची विवाद
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सरकार पर किसानों के हक मारने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि रिम्स-2 अस्पताल परियोजना के नाम पर किसानों की ज़मीन ली जा रही है, जबकि किसान अतिवृष्टि से बर्बाद फसलों के कारण पहले ही परेशान हैं।
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सीआईडी जांच के नाम पर सीजीएल परीक्षा में हुए कथित घोटाले को दबाने का प्रयास बताया।
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“मतदाता पुनरीक्षण” के विरोध को लेकर नवीन जायसवाल ने राज्य सरकार पर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
BJP News: आरक्षण और कानून व्यवस्था मुद्दा
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“अगर सरकार पिछड़ों को 27% आरक्षण देने के प्रति ईमानदार है तो निकाय चुनावों में भी इसे लागू करे।” उन्होंने कहा कि सरकार केवल घोषणा तक सीमित है, उनकी नीयत पर सवाल है।
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राज्य की ध्वस्त विधि-व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अपराध, और बढ़ते अत्याचारों को भी पार्टी सदन में प्रमुखता से उठाएगी।
भाजपा विधायक दल की बैठक में राज्य की मौजूदा हेमंत सरकार पर न सिर्फ तुष्टीकरण और नाम बदलने का आरोप लगाया गया, बल्कि किसानों, युवाओं, पिछड़ों और महिलाओं से जुड़े ज्वलंत मुद्दों को सदन और जन-जागरण के केन्द्र में रखने की रणनीति बनी। भाजपा नेतृत्व ने साफ संदेश दिया कि वे सरकार की हर नीतिगत और प्रशासनिक विफलता को जनता के सामने लाते रहेंगे।



