भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Chunav) के दौरान राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
उन्होंने माओवादी संगठन भाकपा (माओवादी) के बयान को संदिग्ध बताया, जिसमें भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की हार पर हर्ष व्यक्त किया गया है।
प्रतुल ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि माओवादियों के पूर्वी रीजनल ब्यूरो के मुख्य प्रवक्ता आजाद ने भाजपा की हार पर खुशी जाहिर की। उन्होंने सवाल उठाया कि जो संगठन चुनाव प्रक्रिया में विश्वास नहीं रखता और पहले पर्चे बांटकर चुनाव बहिष्कार की अपील करता है, वह किसी विशेष दल की पराजय पर कैसे प्रतिक्रिया दे सकता है?
Jharkhand Chunav: षड्यंत्र की आशंका
प्रतुल ने कहा कि यह मामला पहली बार सामने आया है जब माओवादी जैसे राष्ट्र विरोधी संगठन ने किसी चुनावी हार पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया दी हो। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इन संगठनों ने चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र रचा हो सकता है। भाजपा प्रवक्ता ने इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच की मांग की।
Jharkhand Chunav: एनजीओ की संदिग्ध भूमिका
प्रतुल ने अवैध गतिविधियों में लिप्त कई एनजीओ की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडिंग से चलने वाले ये एनजीओ भाजपा या उसके गठबंधन को हराने के लिए सक्रिय रहे। प्रतुल ने आरोप लगाया कि ऐसे एनजीओ का उद्देश्य आम जनता की सेवा नहीं, बल्कि राजनीति में हस्तक्षेप करना है।
Jharkhand Chunav: धर्मांतरण और फॉरेन फंडिंग पर चेतावनी
प्रतुल ने कहा कि भाजपा पहले भी धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले एनजीओ पर कार्रवाई की मांग कर चुकी है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से चुनाव के दौरान इन एनजीओ की गतिविधियों की जांच कर कार्रवाई करने की अपील की।
जांच की आवश्यकता
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि माओवादी संगठन और संदिग्ध एनजीओ की गतिविधियों को लेकर एक उच्च स्तरीय जांच जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि इन गतिविधियों पर लगाम लगाना देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है।