HeadlinesJharkhandPoliticsStatesTrending

Ranchi News: जागरूकता से ऑटिज्म पर काबू संभवः निःशक्तता आयुक्त

विश्व ऑटिज्म दिवस पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित

Ranchi: ऑटिज्म एक चुनौती है। शुरुआती दौर में इसे पहचानना मुश्किल है, लेकिन हम सब मिल कर इसे हरा सकते हैं। इसके लिए हमें लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

Ranchi News: परिवार के सहयोग से ये बच्चे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे के माता-पिता कैसी परिस्थिति से गुजरते हैं, इसकी कल्पना करना बेहद मुश्किल है। लेकिन, परिवार के सहयोग से ये बच्चे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकते हैं। यह कहना है राज्य निःशक्तता आयुक्त श्री छवि रंजन सिंह का। वह बुधवार को श्री कृष्ण लोक सेवा संस्थान में विश्व ऑटिज्म दिवस पर महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

Ranchi News: सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी

निःशक्तता आयुक्त ने कहा कि राज्य में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों का डेटाबेस हमारे पास नहीं है,क्योंकि लोग या परिवार वाले इसे खुलकर स्वीकार नहीं कर पाते। इसके लिए हमें समाज में जागरूकता लानी होगी। जन-जन जागरूकता की बनाए ऐसी सीढ़ी, ऑटिज्म से पीड़ित ना हो आने वाली पीढ़ी के नारे के साथ हमे ऑटिज्म को हराना है। सरकार द्वारा ऐसे परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

Ranchi News: जल्द ही इसके लिए एक टोल फ्री नंबर और डे केयर की शुरुआत करने की योजना है

कार्यशाला में समेकित क्षेत्रीय केन्द्र के निदेशक श्री जितेन्द यादव ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ऑटिज्म पीड़ित बच्चों हेतु सम्मिलित रूप से जागरूकता पर कार्य कर रही है। पीड़ित बच्चों के सर्वांगीण विकास और इनके पुनर्वास के लिए भी कार्य कर रही है। विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 2 अप्रैल को मनाया जाता है। राज्य में यह एक पूरे सप्ताह का कार्यक्रम है, जिसके तहत राज्य सरकार की यह एक बहुत ही अच्छी पहल है। उसके तहत माता-पिता और बच्चों को जागरूक करने के लिए आयोजित कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण रही।

Ranchi News: अलग डे केयर एवं विशेष पार्क बनवाया जाए, तो बच्चों में जल्द ही सुधार आ सकता है

डॉ. राजीव कुमार ने ऑटिज्म के बारे में बताया कि कोविड के बाद ऑटिज्म के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। कभी-कभी एकल परिवार, गर्भावस्था के दौरान सही से देखभाल न होना, गर्भावस्था में ज्यादा तनाव लेना भी बच्चे में ऑटिज्म होने के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अगर ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के लिए अलग डे केयर एवं विशेष पार्क बनवाया जाए, तो बच्चों में जल्द ही सुधार आ सकता है।

Ranchi News: होम्योपैथी की कुछ दवाओं से थोड़ा सुधार अवश्य आ सकता है

डॉ. राजीव कुमार ने जानकारी दी कि ऑटिज्म के लिए कोई विशेष दवा नहीं है, लेकिन होम्योपैथी की कुछ दवाओं से थोड़ा सुधार अवश्य आ सकता है। विशेषकर कैमल मिल्क से। डॉ. राजीव कुमार की बुक ऑटिज्म केयर विथ होम्योपैथी में इस पर विस्तार से जानकारी दी गई है। कार्यक्रम में विशेष बच्चों द्वारा बनाए गए कलाकृतियां एवं क्राफ्ट प्रदर्शित किए गए साथ ही उनके द्वारा योगा का भी प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम में विशेष बच्चों द्वारा बनाए गए कलाकृतियां एवम् क्राफ्ट प्रदर्शित किए गए साथ ही उनके द्वारा योगा का भी प्रदर्शन किया गया।

कार्यशाला में रिनपास एवं सीआईपी के डॉक्टर, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के पदाधिकारी, राज्य निःशक्तता आयुक्त कार्यालय के पदाधिकारी, ऑटिज्म के क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ के पदाधिकारी, समाज कल्याण पदाधिकारी एवं विभिन्न जिलों से आईं एएनएम, साहिया, सेविकाएं शामिल थीं।।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: प्रख्यात बिचौलिया विशाल चौधरी के ऑफिस मे प्रधान सचिव Arun Ekka फाइलों को निपटाते दिखे

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button