
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को मणिपुर का दौरा किया, जो 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद उनका पहला दौरा था।
हमारी सरकार के निरंतर प्रयासों से मणिपुर में उम्मीद और विश्वास की नई सुबह दस्तक दे रही है। राज्य में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए मेरा यहां के युवा साथियों से एक विशेष आग्रह… pic.twitter.com/IMeGhjVZp2
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
उन्होंने विस्थापित लोगों (IDPs) से मुलाकात की और राज्य में शांति की अपील की। इस दौरान उन्होंने 8,500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया।
मणिपुर में नया सवेरा: PM Modi
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मणिपुर हिंसा के ‘छाया’ से गुजरा है, लेकिन अब ‘नया सवेरा’ हो रहा है। उन्होंने शांति का रास्ता चुनने के लिए विस्थापितों की सराहना की और सभी गुटों से शांति के मार्ग पर चलने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने मणिपुर को ‘शांति और समृद्धि का प्रतीक’ बनाने का संकल्प लिया।
विकास पर फोकस और महत्वपूर्ण घोषणाएं
अपने दौरे के दौरान, पीएम मोदी ने कुकी बहुल चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये और मैतेई बहुल इंफाल में 1,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से राज्य में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और आईटी जैसे क्षेत्रों में विकास की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने अंडमान के माउंट हैरियट का नाम बदलकर “माउंट मणिपुर” रखने की भी घोषणा की, जिसे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि बताया गया।
विपक्ष की आलोचना और भाजपा का बचाव
पीएम के दौरे की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे ‘प्रतीकात्मकवाद’ (tokenism) बताया, जबकि राहुल गांधी ने कहा कि यह ‘कोई बड़ी बात नहीं’ है। विपक्ष का आरोप है कि प्रधानमंत्री ने दो साल तक मणिपुर का दौरा न करके राज्य के लोगों के प्रति ‘उदासीनता’ दिखाई है।
हालांकि, भाजपा ने पीएम के दौरे को राज्य के लिए एक ‘नई शुरुआत’ का संकेत बताया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कहा कि ये परियोजनाएं मणिपुर को शांति और विकास के नए रास्ते पर ले जाने में मदद करेंगी।
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