Patna: Tejashwi Yadav: राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव चुनावी सभा से दूर हैं। लोकसभा चुनाव की कमान पूरी तरह से उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने संभाल रखी है।
Tejashwi Yadav in Purnea: पूर्णिया में तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव का उड़ाया मजाक! NDA को वोट देने की कर दी अपील#TejashwiYadav #PappuYadav #BiharPolitics https://t.co/z6YwhBPT1D
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) April 23, 2024
तेजस्वी यादवों का वोट बैंक बिखरने से बचाने में तो लगे हैं, परंतु राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को रोकने में उससे भी ज्यादा ताकत लगाए हुए हैं। कांग्रेस में जाकर भी पूर्णिया से राजद प्रत्याशी पूर्व मंत्री बीमा भारती के विरुद्ध मैदान में ताल ठोक रहे हैं पप्पू यादव को साइड करने की कोशिश में तेजस्वी यादव कुछ ऐसा बोल गए हैं जो उनके लिए मुसीबत बन गया है। रही सही कसर उनकी बड़ी बहन निशा भारती ने पूर्ण कर दी। अब भाजपा के हर स्तर पर नेता तेजस्वी यादव को हारा हुआ नेता बता रहे हैं।
क्या कहते-कहते क्या बोल गए Tejashwi Yadav?
तेजस्वी यादव ने 19 अप्रैल और 21 अप्रैल को पूर्णिया लोकसभा में जनसभा के दौरान जो बोला उसके साथ या भी जानना जरूरी है कि परिस्थितियों क्या थी। पूर्णिया में जिस वक्त सभा हो रही थी उसे वक्त मंच से कुछ दूरी पर तेजस्वी यादव के सामने ही पप्पू यादव जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। पप्पू यादव पूर्णिया में फैक्टर बनकर उभर रहे हैं, एनडीए या महागठबंधन के नेता इससे इनकार नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे में इस नारेबाजी पर तेजस्वी यादव ने बयान नहीं दिया परंतु पप्पू यादव को किनारे करने के चक्कर में बोलते बोलते यह भूल गए – यह इंडिया की लड़ाई है। या तो आप इंडिया को चुने और अगर इंडिया को नहीं चुनते हो, बीमा भारती को नहीं चुनते हो तो एनडीए को चुने। साफ बात है… आप लोग जानते हैं कि नहीं… आप लोग जानते हैं कि नहीं… आप लोग जानते हैं कि नहीं…
पप्पू यादव जिंदाबाद का नारा लगाते रहे
यह बात बोलकर तेजस्वी यादव को लगा कि उन्होंने पप्पू यादव को साइड लाइन करने के चक्कर में कुछ गलत बोल दिया है तो उन्होंने आगे बोला – इधर-उधर गुमराह होने की जरूरत नहीं है। यह लड़ाई देश को बचाने, देश को बनाने की लड़ाई है। इसमें आप सब लोग का सहयोग हम लोग चाहते हैं। आप लोग का सहयोग बना रहे, आप लोग का आशीर्वाद बना रहे।’ तेजस्वी यादव जब यह बात कह रहे थे, पूरे वक्त कुछ लोग पप्पू यादव जिंदाबाद का नारा लगाते रहे और उनके लौटते काफिले तक भी आवाज पहुंचने की प्रयास की।