Ranchi: Nishikant Dubey: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है. खबरें हैं कि चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं.
आंदोलन की उपज मुख्यमंत्री @ChampaiSoren जी के साथ झामुमो ग़लत कर रही है, आज मेरे लोकसभा गोड्डा के झामुमो कार्यकर्ता मर्माहत हैं वे लगातार मुझसे मिलकर अपनी पार्टी की परेशानी बता रहे हैं । कुछ तो होगा
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 3, 2024
चंपई सोरेन युग समाप्त हो गया है: Nishikant Dubey
इस खबर ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाई है बल्कि विपक्ष ने भी इस पर तीखे तंज कसने शुरू कर दिए हैं. गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इस फैसले को लेकर सीधे हेमंत सोरेन पर हमला बोला है. निशिकांत दुबे ने कहा “चंपई सोरेन युग समाप्त हो गया है. परिवारवादी पार्टी में परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. काश आंदोलनकारी मुख्यमंत्री बिरसा भगवान से प्रेरित होकर भ्रष्टाचारी हेमंत सोरेन के खिलाफ खड़े हो पाते.”
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इस बयान से यह साफ झलकता है कि बीजेपी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के अंदरूनी फैसलों को लेकर कितनी आलोचनात्मक है. निशिकांत दुबे का यह बयान न सिर्फ हेमंत सोरेन को निशाना बनाता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी के भीतर परिवारवाद का प्रभाव कितना गहरा है. यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बयान पर हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा किस तरह से प्रतिक्रिया देती है.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान आने वाले चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकते हैं, जो राज्य की राजनीति को नई दिशा दे सकते हैं.
Nishikant Dubey: हेमंत सोरेन बनेंगे नए मुख्यमंत्री
झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. इंडिया गठबंधन की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया कि चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इस निर्णय के बाद अब आज रात चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. उम्मीद है कि इस मुलाकात के दौरान चंपई सोरेन राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण को अपना इस्तीफा सौंप देंगे और इसके बाद हेमंत सोरेन सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.
वर्तमान झारखंड मंत्रिमंडल में कुल 10 मंत्री हैं, जबकि मंत्रिपरिषद की अधिकतम सीमा 12 है. 2 फरवरी को चंपई सोरेन सहित तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था और 16 फरवरी को आठ अन्य विधायकों को मंत्रिपरिषद में स्थान मिला था. हालाँकि ग्रामीण विकास और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 11 जून को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
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