JMM का पलटवार, भाजपा डर गई हैं हेमंत सोरेन से

Ranchi: JMM: सचिवालय घेराव कार्यक्रम में कार्यकर्ता नहीं जुटे तो बहाने बना रहे, सबसे अधिक समय तक भाजपा ने शासन कर राज्य को गर्त में धकेला, हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से बौखला गए हैं भाजपा के नेता, सचिवालय घेराव फ्लाप।

इससे अधिक भीड़ तो नुक्कड़ सभाओं में होती है: JMM

भाजपा के सचिवालय घेराव कार्यक्रम को सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने फ्लाप करार दिया है। झामुमो के वरिष्ठ नेता श्री विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि इससे अधिक भीड़ तो नुक्कड़ सभाओं में होती है। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में इनके कार्यकर्ता नहीं जुटे तो भाजपा के नेता सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के बहाने बना रहे हैं। भाजपा के नेताओं ने मजमा लगाकर पुलिस बल पर पत्थर फेंके।

सवाल उठाया कि यह जांच का विषय है कि पत्थर चलाने का प्रशिक्षण भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को कहां देती है। मुट्ठी भर उत्पाती लोगों के सहारे भाजपा राज्य में फिर से सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही है। दरअसल भाजपा के नेताओं को हेमंत फोबिया हो गया है। भाजपा के सारे नेता हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से डर गए हैं। यही कारण है कि एक-दूसरे को पसंद नहीं करने वाले भी एक मंच पर आकर ज्ञान दे रहे हैं।

युवाओं को नौकरियां मिल रही है: JMM

इन्हें लग रहा है कि हेमंत सोरेन की लोकप्रियता के आगे ये टिक नहीं पाएंगे। इन्हें दिन-रात सपने में हेमंत सोरेन नजर आते हैं। शायद सपने में भी हेमंत-हेमंत चिल्लाते होंगे। इनकी सत्ता पाने की बौखलाहट को राज्य की जनता समझ चुकी है। आज आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और समाज के वंचित वर्ग तक सरकार पहुंच रही है। युवाओं को नौकरियां मिल रही है। उच्च शिक्षा के लिए सरकार छात्रवृति प्रदान कर रही है।

भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने नकार दिया: JMM

राज्य की प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है। कोरोना काल में सबसे ज्यादा काम हेमंत सोरेन ने कर दिखाया। उस दौरान भी राज्य के विकास की गति धीमी नहीं हुई। किसी को भूखे पेट सरकार ने सोने नहीं दिया। देश-विदेश में हेमंत सोरेन की प्रशंसा हुई। यह झारखंड विरोधी भाजपा के नेताओं को पच नहीं रहा है। भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने नकार दिया। डबल इंजन सरकार की बात करने वाले रघुवर दास अपनी सीट तक गंवा बैठे।

भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बाबूलाल मरांडी को भाजपा ने अपना नेता बना दिया। हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलने का इन्हें नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने नकार दिया है। इन्हें जनादेश का सम्मान करना चाहिए।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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