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Jharkhand: शराब की दुकान खोलने और प्रबंधन को लेकर नया अपडेट

Jharkhand में शराब की बिक्री और प्रबंधन को सुधारने के लिए उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने सोमवार को एक समीक्षा बैठक आयोजित की।

इसमें विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने 24 शराब कंपनियों के प्रतिनिधियों, सात प्लेसमेंट एजेंसियों के संचालकों और विभागीय अधिकारियों के साथ बातचीत की। बैठक का मुख्य फोकस प्लेसमेंट एजेंसियों की अनियमितताओं और शराब की उपलब्धता में सुधार पर था।

Jharkhand News: प्लेसमेंट एजेंसियों पर मंत्री की नाराजगी

मंत्री ने प्लेसमेंट एजेंसियों को सख्त चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह के भीतर बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो संबंधित एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। साथ ही, उनके खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

Jharkhand News: ब्रांडेड शराब की कमी पर चिंता

बैठक में यह मुद्दा उठा कि शराब की दुकानों पर ग्राहकों को उनकी पसंदीदा ब्रांड की शराब नहीं मिल रही है। आरोप है कि कुछ प्लेसमेंट एजेंसियां केवल चुनिंदा ब्रांड को प्रोत्साहित कर रही हैं। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनसे पसंदीदा ब्रांड की मांग ही नहीं की जाती। इसपर मंत्री ने सख्ती दिखाई और हर ब्रांड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

Jharkhand News: मॉडल दुकानों की शुरुआत

मंत्री ने जिला मुख्यालयों में मॉडल शराब दुकानें खोलने का सुझाव दिया। इन दुकानों को साफ-सुथरे माहौल और बेहतर डिस्प्ले के साथ संचालित किया जाएगा। मॉडल दुकानों का उद्देश्य संभ्रांत वर्ग को आकर्षित करना है, जो सामान्य दुकानों की भीड़भाड़ और माहौल के कारण वहां जाने से कतराते हैं।

Jharkhand News: अनियमितताओं पर निगरानी के लिए हाई लेवल टीम

उत्पाद विभाग ने मुख्यालय स्तर पर एक हाई लेवल टीम गठित की है। यह टीम शराब की कीमतों में गड़बड़ी, नकली शराब की आपूर्ति, अवैध शराब की बिक्री और ब्रांडेड शराब की अनुपलब्धता जैसी शिकायतों पर कार्रवाई करेगी।

शराब उद्योग को बढ़ावा देने की योजना

मंत्री ने राज्य में शराब निर्माण की दिशा में पहल करने और निर्यात बढ़ाने की बात कही। इससे स्थानीय रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। शराब आपूर्तिकर्ताओं का रजिस्ट्रेशन कराकर राजस्व में वृद्धि का भी प्रस्ताव रखा गया।

राजस्व लक्ष्यों की समीक्षा

मंत्री ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में विभाग ने अब तक 1700 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। शेष 1000 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना अभी बाकी है। उन्होंने कोरोना काल के दौरान लगाए गए अतिरिक्त 25% वैट को खत्म करने की भी मांग सुनी, जिसे कंपनियों ने शराब की ऊंची कीमतों का कारण बताया।

अवैध शराब पर कार्रवाई

मंत्री ने उत्पाद प्रयोगशाला का निरीक्षण किया और तकनीशियन की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। नकली शराब की जांच के लिए सख्त कदम उठाने और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई।

यह बैठक झारखंड में शराब बिक्री की व्यवस्था को बेहतर बनाने और अनियमितताओं को रोकने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।

 

 

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