Jharkhand Politics: कौन है राज्य का जनजाति और कौन नहीं अभियान छत्तीसगढ़ी तय करेंगे

मोमेंटम झारखंड का पूरा जिम्मा किस अधिकारी के पास था

Ranchi: CM हेमंत सोरेन पर जनजाति समाज के लोगों को मूर्ख बनाने के आरोप लगाए जाने के पश्चात झामुमो ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जोरदार पलटवार किया है. सुप्रियो भट्टाचार्य पार्टी प्रवक्ता (Jharkhand Politics) ने कहा की अब छत्तीसगढ़ के रहने वाले तय कर रहे हैं की झारखंड का जनजाति कौन है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा, 5 वर्ष मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास ने केवल भूमि का दस्तावेज लेकर दिखाते रहें, परंतु उन्होंने कभी कोई कार्यवाही नहीं की.

Jharkhand Politics: मोमेंटम झारखंड का पूरा जिम्मा किस अधिकारी के पास था

विधायक सुदिव्य कुमार के संग पार्टी मुख्यालय में सुप्रियो भट्टाचार्य ने आईएएस पूजा सिंघल को रघुवर दास सरकार में क्लीन चिट दिए जाने का मामला भी जोर शोर से उठाया. जेएमएम नेता ने से पूछा कि उन्हें यह भी बतलाना चाहिए कि उनके शासनकाल के सबसे बड़े घोटाले मोमेंटम झारखंड का पूरा जिम्मा किस अधिकारी के पास था.

सुप्रियो ने बोला, रघुवर दास कहते हैं कि उन्होंने आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को कभी क्लीन चिट नहीं दी, बल्कि उनके अधिकारियों ने क्लीन चिट दी. उनको यहां भी बतलाना चाहिए की अधिकारी किस के निर्देश पर पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने का कार्य कर रहे थे.

Jharkhand Politics: प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बता देते कि ईडी द्वारा जप्त नोट का सीरियल नंबर क्या क्या था

रघुवर दास ने ईडी द्वारा ज़ब्त किए गए 500 और 2000 के नोट को पिछले ढाई साल की संपत्ति कहने को लेकर भी जेएमएम ने भाजपा से प्रश्न किया. सुप्रियो ने कहा देश में नोटबंदी नवंबर 2016 में की गई थी और आईएएस पूजा सिंघल को क्लीन चिट 2017 की फरवरी में मिला था. ऐसे में 2017 से 2019 तक क्या बाजार में 500 और 2000 के नोट चल रहे थे. सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूर्व सीएम रघुवर दास से या भी सवाल किया कि वह अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में या भी बता देते कि ईडी द्वारा जप्त नोट का सीरियल नंबर क्या क्या था.

राज्य में घोटाले का शासन काल तो बीजेपी की सत्ता में ही देखने को मिला

गिरिडीह के विधायक सुदिव्य कुमार ने प्रेस वार्ता में पूर्व मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने बोला राज्य में घोटाले का शासन काल तो बीजेपी की सत्ता में ही देखने को मिला. पूजा सिंघल को क्लीन चिट रघुवर दास सरकार में ही दी गई. ऐसी में रघुवर दास इस बात से बिल्कुल भी इनकार नहीं कर सकते कि क्लीन चिट देने में उनकी सहभागिता नहीं थी.

शुक्रवार को रघुवर दास राज्यपाल रमेश बैस से मिलने चीज बातों को लेकर गिरिडीह विधायक ने बोला कि जब वह महामहिम से मुलाकात कर झारखंड सरकार की शिकायत करने जा रहे हैं, राज्यपाल को यह भी मत लाना चाहिए कि मेनहाट घोटाला, टी-शर्ट घोटाला, टॉफी घोटाला, आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को क्लीन चिट देने का कार्य आखिर उनके सरकार में कैसे किया गया.

 

 

 

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