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Jharkhand: पारा शिक्षकों के मानदेय में 4% बढ़ोतरी, जनवरी 2025 से होगी लागू

Jharkhand सरकार ने राज्य के 58,000 पारा शिक्षकों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। उनके मासिक मानदेय में जनवरी 2025 से चार प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने यह फैसला लिया है और 2025 से लेकर 2027 तक के लिए मासिक मानदेय की नई दरें भी निर्धारित कर दी हैं।

Jharkhand News: मानदेय में बढ़ोतरी की विस्तृत योजना

सरकार की योजना के अनुसार, 2027 तक टेट पास पारा शिक्षकों का मानदेय अधिकतम ₹27,000 तक पहुंच जाएगा। वहीं, प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को ₹20,160 तक दिया जाएगा। यदि प्रशिक्षित शिक्षक आकलन परीक्षा में सफल होते हैं, तो उन्हें ₹21,552 का मानदेय मिलेगा।

वर्तमान में, जनवरी 2024 से छठी से आठवीं कक्षा के टेट पास पारा शिक्षकों को ₹24,300 और पहली से पांचवीं कक्षा के टेट पास शिक्षकों को ₹22,680 का मानदेय मिलता है। प्रशिक्षित (6-8) शिक्षकों को ₹19,656 और आकलन पास करने के बाद ₹21,008 दिया जा रहा है।

2025 से यह राशि बढ़कर क्रमश: ₹25,200 और ₹23,530 हो जाएगी। प्रशिक्षित (6-8) शिक्षकों का मानदेय ₹20,384 होगा, जबकि आकलन पास होने पर ₹21,788 मिलेगा। पहली से पांचवीं कक्षा के प्रशिक्षित शिक्षकों को ₹18,816 और आकलन पास करने पर ₹20,112 दिया जाएगा।

Jharkhand Government: तकनीकी समस्याओं के कारण अड़चनें

हालांकि, मानदेय वृद्धि की प्रक्रिया में बीते वर्षों में कई अड़चनें आई हैं। जनवरी 2023 से चार प्रतिशत वार्षिक वृद्धि लागू की गई थी, लेकिन 2024 में तकनीकी समस्याओं के चलते अगस्त-सितंबर के दौरान इसे रोकना पड़ा।

राज्य के विभिन्न जिलों में मानदेय की गणना में असमानता की शिकायतें आई थीं, जिससे भुगतान में देरी हुई। इसके अलावा, करीब 5,000 पारा शिक्षकों को अब तक 2023 और 2024 में हुई वृद्धि और एरियर का लाभ नहीं मिला है।

नगर निगम क्षेत्रों में शिक्षकों को समस्या

नगर निगम क्षेत्रों के पारा शिक्षकों के लिए नियमावली में संशोधन किया गया था, लेकिन चुनावी व्यस्तताओं के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। इससे इन शिक्षकों को बढ़ोतरी का लाभ मिलने में देरी हो रही है।

Jharkhand सरकार का रुख

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी लंबित मुद्दों को जल्द सुलझाया जाएगा और नई दरें 2025 से लागू होंगी। इसके साथ ही, अगले तीन वर्षों तक शिक्षकों के मानदेय में वार्षिक वृद्धि का निर्धारण पहले से कर दिया गया है।

यह फैसला न केवल शिक्षकों की वित्तीय स्थिति में सुधार लाएगा बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

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