नई दिल्ली: दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) में झारखंड पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पवेलियन में लगा वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का स्टॉल आगंतुकों को विशेष रूप से लुभा रहा है, जहाँ लोग शुद्ध प्राकृतिक शहद, लाह और रेशम से बने उत्पादों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
IITF: प्राकृतिक उत्पादों की धूम
स्टॉल पर झारखंड के वनों से प्राप्त शुद्ध प्राकृतिक शहद लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। इसमें लीची, करंज, वन तुलसी और वाइल्ड हनी (जंगली शहद) जैसी विशेष किस्में शामिल हैं। इसके अलावा, ऑर्गैनिक काजू, लाह और रेशम से बने उत्पाद भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
वन क्षेन्द्र पदाधिकारी श्री राजेंद्र प्रसाद के अनुसार, इन उत्पादों को ग्रामीणों की सहायता से बनी समितियों द्वारा प्रसंस्करित कर बिक्री के लिए लाया गया है। इस वर्ष विशेष रूप से राज महल के उत्पादों की बिक्री की जा रही है।
IITF: वन समृद्धि की झलक
यह स्टॉल केवल उत्पाद ही नहीं, बल्कि झारखंड की प्राकृतिक समृद्धि की झलक भी पेश कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि झारखंड की 31.8% भूमि पर वन हैं, जिनमें शाल (साखू) वृक्षों की बहुतायत है।
इसके साथ ही, झारखंड के वन शतावर, गोखरू, कालमेघ, अर्जुन, ब्राम्ही और भृंगराज जैसी बहुमूल्य जड़ी-बूटियों का भी एक बड़ा स्रोत हैं, जिनकी मांग देश भर में है।
IITF: वन्यजीव संरक्षण की जानकारी
स्टॉल पर आगंतुकों को झारखंड के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की भी जानकारी दी जा रही है। राज्य में 1 व्याघ्र आरक्ष्य (पलामू बेतला), 1 गज आरक्ष्य (सिंहभूम दलमा), 1 राष्ट्रीय उद्यान (बेतला), 11 वन्य प्राणी आश्रयणी, 1 जैविक उद्यान (भगवान बिरसा जैविक उद्यान, ओरमांझी) और 1 मगर प्रजनन केंद्र (मूटा) हैं, जो राज्य की जैव-विविधता को दर्शाते हैं।