Salman Rushdie पर हमला अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है

New York: न्यूयॉर्क राज्य में चौटाऊका संस्था में सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर चाकू से हमला हुआ।
जो कि बर्बर विडंबना के साथ हुआ, क्योंकि उन्हें कलात्मक स्वतंत्रता पर बात करने के लिए पेश किया जा रहा था, इस घटना ने लेखकों और पाठकों को समान रूप से स्तब्ध कर दिया है ।
लेखक को हमलावर ने चाकू मारा है, अज्ञात स्थिति में हेलीकॉप्टर द्वारा एक अस्पताल में ले जाया गया, उनके 1989 के उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज'(the satanic verses) पर कुछ मुसलमानों के बीच असंतोष था।
Salman Rushdie: अभी कैसी है हालत?
हमले में उनके स्वास्थ्य से जुड़ी बुरी खबर सामने आ रही है। एंड्र्यू वायली सलमान रुश्दी के एजेंट ने कहा कि उनकी हालात गंभीर है। उन्हें वेंटिलेटर पररखा गया है और अभी वो बोल नहीं सकते हैं। उन्होंने कहा कि रुश्दी की एक आँख रौशनी जा सकती है। क्यूंकि रुश्दी की बाई आंख की नस कट गई है। वहीं चाकू का वार उनका लिवर पर लगा है जिसके कारन उनका लिवर भी खराब हो गया है।
कौन है हमलावर?
हमलावर की पहचान न्यू जर्सी के 24 वर्षीय हादी मातर (Hadi Matar) के रूप में हुई है । मातर के सोशल मीडिया की प्रारंभिक समीक्षा ने उन्हें “शिया चरमपंथ” और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRG) के प्रति सहानुभूति दिखाई पड़ती है।
पुलिस का मानना है कि मातर “अकेले काम कर रहा था” । हादी मातर फेयरव्यू, न्यू जर्सी से है, अधिकारी अभी भी मातर की राष्ट्रीयता और उसके आपराधिक रिकॉर्ड, की पड़ताल कर रहे है।
Salman Rushdie पर हमला, मामला अयातुल्ला खुमैनी द्वारा मूल फतवे के 33 साल बाद हुआ
यह मामला अयातुल्ला खुमैनी द्वारा मूल फतवे के 33 साल बाद हुआ, जिसमे मुसलमानों को ईशनिंदा के लिए उपन्यासकार को मारने का आह्वान किया था, जिसके कारन रुश्दी को नौ साल छिपने के लिए मजबूर किया था, यह कहना उचित है कि कुछ लोगों को वास्तविक हमले और खतरे की उम्मीद थी । संदिग्ध, हदी मटर, न्यू जर्सी के फेयरव्यू के एक 24 वर्षीय व्यक्ति है. जिसका जन्म भी नहीं हुआ था, जब मूल फतवा जारी किया गया था ।
एम्मानुएल मैक्रॉन ने ट्वीट कर कहा
“33 साल से सलमान रुश्दी ने आजादी और अश्लीलता के खिलाफ लड़ाई को मूर्त रूप दिया है। वह अभी-अभी नफरत और बर्बरता की ताकतों के कायरतापूर्ण हमले का शिकार हुआ है। उसकी लड़ाई हमारी लड़ाई है; यह सार्वभौमिक है। अब पहले से कहीं ज्यादा हम उनके साथ खड़े हैं।”
For 33 years, Salman Rushdie has embodied freedom and the fight against obscurantism. He has just been the victim of a cowardly attack by the forces of hatred and barbarism. His fight is our fight; it is universal. Now more than ever, we stand by his side.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) August 12, 2022
शशि थरूर ने ट्विटर पर ट्वीट कर लिखा
“सलमान रुश्दी पर छुरा से हमले से पूरी तरह भयभीत और स्तब्ध हूँ. मैं उनके घावों से शीघ्र और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की कामना करता हूं, हालांकि, भरे हुए दिल के साथ, मैं मानता हूं कि उनके लिए जीवन फिर कभी पहले जैसा नहीं हो सकता। एक दुखद दिन, बदतर अगर रचनात्मक अभिव्यक्ति अब स्वतंत्र और खुली नहीं रह सकती है।”
Utterly horrified & shocked by the stabbing of @SalmanRushdie. Wish him a speedy & complete recovery from his wounds, even though, with a sinking heart, I recognize that life for him can never be the same again. A sad day, worse if creative expression can no longer be free &open.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 13, 2022