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झारखंड सरकार कर बजट हमीन कर बजट नही बल्कि लूट कर बजट हेके: Deepak Prakash

राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को वित्त मंत्री ने किया निराश

Ranchi: Deepak Prakash: यह बजट पुरानी बोतल में नयी शराब झारखंड सरकार के द्वारा पेश किए गये बजट को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने लूट का बजट कहा।

उन्होंने आज प्रदेश कार्यालय में प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि झारखंड सरकार के इस बजट का अवलोकन करने से साफ प्रतीत होता है कि यह बजट राज्य को लूटने के लिए तैयार किया गया है। यह बजट दिशाहीन बजट है।

राज्य के आधारभूत संरचना को मजबूत करने वाला बजट होना चाहिए था: Deepak Prakash

श्री प्रकाश ने कहा कि जब तक राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगेगा तब तक झारखंड का भला नही होने वाला है। उन्होंने राज्य सरकार की विज़न पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बजट तो बनाती है लेकिन उसे धरातल पर उतार नही पाती है। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट गांव, किसान,मजदूर जो आवश्यक चीजों से वंचित है उन्हें केंद्र बिंदु में रखकर बनाया जाना चाहिए था। राज्य के आधारभूत संरचना को मजबूत करने वाला बजट होना चाहिए था।

श्री प्रकाश ने कहा कि पिछले बजट का आकार 1 लाख करोड़ का था। लेकिन सरकार उस बजट में से मात्र 44 प्रतिशत ही खर्च कर पाई। यह सरकार की कथनी और करनी को उजागर करने के लिए काफी है। पिछले बजट में कृषि क्षेत्र के लिए जितनी राशि का प्रावधान किया गया था उसमें से सिर्फ राज्य सरकार 12 प्रतिशत ही खर्च पायी।

सरकार के पास बजट की राशि को खर्च करने की योजना तथा नियत ही नही है: Deepak Prakash

शिक्षा क्षेत्र में बजट का 53 प्रतिशत, शहरी विकास के क्षेत्र में 23.91 प्रतिशत, जलसंसाधन विभाग में 44.54 प्रतिशत,अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिये आवंटित की गई राशि का 67.1 प्रतिशत,पेयजल विभाग में 22.09,खाद्य आपूर्ति विभाग में 30.04 प्रतिशत राशि ही सरकार खर्च कर पाई है। इससे हम कह सकते है कि सरकार के पास बजट की राशि को खर्च करने की योजना तथा नियत ही नही है। केंद्र सरकार के द्वारा गव्य विकास योजना के तहत जो राशि राज्य सरकार को दी गयी थी उस पैसे को राज्य सरकार खर्च ही नही कर पाई है।

रघुवर सरकार के समय खरीदे गए एम्बुलेंस आज सड़ रहा है: Deepak Prakash

श्री प्रकाश में कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय है 1 लाख 97 हज़ार रुपये, जबकि झारखण्ड का प्रति व्यक्ति आय है 87 हज़ार रुपये।
उन्होंने कहा कि आज राज्य का शिक्षा की हालत बदतर हो गयी है। 45 हज़ार सरकारी स्कूलों में से 62 सौ स्कूलों में शिक्षक नही है,90 हज़ार से अधिक पद खाली पड़े है,बेरोजगार दर दर की ठोकरें खा रहे है। 64 प्रतिशत सरकारी विद्यलायों में बच्चों के खेलने के लिए मैदान नही है,37 प्रतिशत विद्यलायों में पुस्तकालय नही है। रघुवर सरकार के समय खरीदे गए एम्बुलेंस आज सड़ रहा है।

सरकार उसका उपयोग नही कर पा रही है। जबकि लोग एम्बुलेंस की कमी के कारण खटिया में मरीजों को अस्पताल पहुंचा रहे है।पुराने मेडिकल कॉलेज बन्द है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा आखिर बजट का पैसा जा कहां रहा है।

माल महाराज का और मिर्जा खेले होली: Deepak Prakash

श्री प्रकाश ने राज्य सरकार को हर क्षेत्र में विफल करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार माल महाराज का और मिर्जा खेले होली वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री ने अपने नाम पर किया लेकिन प्राइवेट अस्पतालों को पैसा नही दे रही है नतीजा आयुष्मान योजना आज झारखंड में फेल है।हर घर नल से जल योजना आज झारखंड में पूरी तरह से फेल हो चुका है। राज्य के 61 लाख परिवारों में से मात्र 19 लाख परिवार को ही कनेक्शन दिया गया है,परंतु जल अभी तक नही मिला है।

मोदी सरकार ने झारखंड को ग्रांट ऐड के रूप में 2022-23 में 17 हज़ार 4 सौ 5 करोड़ रुपये दी: Deepak Prakash

श्री प्रकाश ने देश के मोदी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार और यूपीय सरकार की झारखंड़ के नजरिये से तुलना करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने राज्य को पांच साल में टैक्स का 89 हज़ार 6 सौ 48 करोड़ रुपये दी वही यूपीय की सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में 35 हज़ार 9 सौ 98 करोड़ रुपये दी थी, मोदी सरकार ने झारखंड को ग्रांट ऐड के रूप में 2022-23 में 17 हज़ार 4 सौ 5 करोड़ रुपये दी,जबकि यूपीय की सरकार ने 2013- 14 में मात्र 4 हज़ार 65 करोड़ रुपये दी थी।

श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य की हेमन्त सरकार जिस दल के साथ मिलकर सरकार चला रहे है वह दल अपने आपको आदिवासी की हितैसी कहती है। लेकिन उनका आदिवासी हितैसी का सच यह है कि यूपीय की केंद्र सरकार ने आदिवासी कल्याण के जो राशि 2013-14 में आवंटित की थी वो मात्र 19 हज़ार 433 करोड़ रुपये जबकि भाजपा की सरकार ने आदिवासी कल्याण के लिए 2023-24 में 1 लाख 19 हज़ार करोड़ रुपये आवंटित की है।

यह बजट आदिवासी,महिला, दलित ,गरीब और मजदूर विरोधी बजट है: Deepak Prakash

श्री प्रकाश ने राज्य सरकार के बजट को पुरानी बोतल में नयी शराब की संज्ञा देते हुए कहा कि यह बजट केवल जनता को दिग्भ्रमित करने वाला बजट है। यह बजट आदिवासी,महिला, दलित ,गरीब और मजदूर विरोधी बजट है।

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?

 

 

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