Ranchi: आर्मी जमीन घोटाला मामले में अब नया मोड़ आया है। ED अब उन सभी लोगों को नोटिस भेज कर पूछताछ करेगी, जो जमीन का मालिक होने का दावा कर रहे हैं।
#Ranchi: सेना की जमीन घोटाला से जुड़े मामले में ईडी की निलंबित IAS छवि रंजन से पूछताछ जारी@dir_ed #JharkhandNews #NewsStateBiharJharkhand pic.twitter.com/O6PcSq11fp
— News State Bihar Jharkhand (@NewsStateBihar) May 14, 2023
इस पूछताछ और जांच के बाद यह तय किया जाएगा कि जमीन का असली मालिक कौन है। वहीं ईडी सूत्र की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन को जब्त करेगी। वहीं सदर थाना क्षेत्र के चेशायर होम रोड में स्थित एक एकड़ की विवादित जमीन को भी ईडी जब्त करेगी। ईडी इसकी तैयारी कर रही है।
सेना से भी ED करेगी पूछताछ
अवैध तरीके से कागज बना कर जमीन घोटाला किए जाने के मामले में ईडी काफी सख्ती अपना रहा है। बताया जा रहा है कि इस मामले में केवल आरोपियों से ही नहीं बल्कि सेना के प्रतिनिधि से भी प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगी। सेना को भी मई के दूसरे हफ्ते में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जाएगा। इसके अतिरिक्त जमीन की खरीददार जगतबंधु टी इस्टेट कंपनी को दोबारा नोटिस जारी कर जानकारी लेगी कि कैसे जमीन की खरीदारी की गयी।
ED News: छवि रंजन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य
अब तक की गई पूछताछ में ईडी को जो जानकारी मिली है, वह आइएएस छवि रंजन के खिलाफ ही जा रही है। छवि रंजन के खिलाफ ईडी के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। अब तक छवि रंजन से हुई पूछताछ में उन्होंने कारोबारी विष्णु अग्रवाल के पैसे से गोवा घूमने जाने की बात स्वीकार कर ली है। इसके साथ ही उन्होंने ईडी को बताया है कि सेना की कब्जे वाली जमीन और हेहल के बजरा मौजा की जमीन मामले में फर्जी मालिकों के पक्ष में उन्होंने फैसला दिया था।
बता दें कि जगत बंधु टी स्टेट के निदेशक दिलीप घोष को ईडी ने समन भेजा था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। उसने ईडी को पत्र लिखकर तबीयत खराब होने की बात कही है।
ED News: 13 अप्रैल को छापेमारी के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया
13 अप्रैल को छापेमारी की गयी। जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनसे लगभग 12 दिन पूछताछ की गयी। उसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपितों को जेल भेज दिया है। इन पर सेना की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, फर्जीवाड़ा करने व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने में दोषी ठहराया गया है।