नई दिल्ली – ECI: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और विपक्ष द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर करारा जवाब दिया है।
Press Conference by the Election Commission of India today
🗓️ Date & Time: Sunday, August 17, 2025 | 3:00 PM
📍 Venue: National Media Centre, New Delhi
▶️ Watch live at : https://t.co/tmFx5kRMTg
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 17, 2025
उन्होंने कहा कि “चुनाव आयोग के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति की जा रही है” और झूठे आरोपों से आयोग डरने वाला नहीं है।
ECI के प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें:
- निष्पक्षता पर जोर: ज्ञानेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक निकाय है और वह राजनीतिक दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता। आयोग के लिए कोई भी पक्ष या विपक्ष नहीं है, सभी समान हैं।
- बिहार में एसआईआर (SIR):
- उन्होंने बताया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य मतदाता सूची में मौजूद सभी त्रुटियों को दूर करना है।
- अभी तक 28,370 लोगों ने दावे और आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं, और इसके लिए अभी 15 दिन बाकी हैं।
- यह गंभीर चिंता का विषय है कि कुछ दल और नेता एसआईआर के बारे में गलत सूचना फैला रहे हैं।
- बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए 22 लाख मृत मतदाताओं के नाम पिछले छह महीनों में नहीं, बल्कि कई वर्षों में हटाए गए हैं।
- किसी भी मतदाता का नाम बिना सबूत के नहीं हटाया जाएगा।
- ‘वोट चोरी’ के आरोप पर खंडन:
- ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ‘वोट चोरी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना ठीक नहीं है।
- यदि चुनाव के 45 दिनों के भीतर कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती है, तो ऐसे आरोप लगाना संविधान का अपमान है।
- उन्होंने कहा कि जब चुनाव प्रक्रिया में एक करोड़ से अधिक कर्मचारी लगे हों, तो इस तरह की पारदर्शी प्रक्रिया में ‘वोट चोरी’ नहीं हो सकती।
- मतदाताओं की निजता: उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में ही मशीन से पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूची साझा करने से मना किया था, क्योंकि इससे मतदाताओं की निजता भंग हो सकती है।
- निष्कर्ष: मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग निडरता के साथ सभी मतदाताओं, चाहे वे गरीब हों या अमीर, महिला हों या पुरुष, युवा हों या बुजुर्ग, सभी के साथ चट्टान की तरह खड़ा है।
