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वोटर लिस्ट रिवीजन पर कांग्रेस और Pappu Yadav के रुख में टकराव

Patna: Pappu Yadav: बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी तापमान बढ़ गया है।

जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी बूथ स्तर पर सक्रिय हो चुकी है और ज्यादा से ज्यादा नाम सूची में जुड़वाने की मुहिम में लगी है, वहीं दूसरी ओर पूर्णिया से सांसद और कांग्रेस समर्थक नेता पप्पू यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन का खुला बहिष्कार करने की अपील कर दी है।

चाय पिलाइए, फॉर्म जलाइए: Pappu Yadav का बायकॉट अभियान

पप्पू यादव ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि यदि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) आपके घर आएं तो उन्हें चाय-पानी पिलाकर सम्मानपूर्वक लौटा दें, लेकिन गणना फॉर्म को ना भरें और उसे जला दें। उन्होंने इस अभियान को “जनविरोधी” करार दिया है और दावा किया कि यह दलित, गरीब और ग्रामीण मतदाताओं को सूची से बाहर करने की साजिश है।

कांग्रेस का फोकस: हर नागरिक का नाम जोड़ना प्राथमिकता

दूसरी ओर, बिहार कांग्रेस ने सदाकत आश्रम में जिलाध्यक्षों की बैठक कर मतदाता सूची में अधिकतम लोगों का नाम जुड़वाने का आह्वान किया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि यह समय संगठन को मजबूत करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को व्यापक बनाने का है। उन्होंने कहा कि हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित करना कांग्रेस की प्राथमिकता है।

चुनाव आयोग का अपडेट: अब तक 87% घरों तक पहुंचे BLO

बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने शुक्रवार को बताया कि बीएलओ अब तक 1.50 करोड़ घरों तक पहुंच चुके हैं। लगभग 87 प्रतिशत लोगों को गणना फॉर्म दिया जा चुका है, जबकि शेष 13 प्रतिशत के घर बंद होने या अन्य कारणों से BLO उनसे संपर्क नहीं कर सके। आयोग के अनुसार, बीएलओ कम से कम तीन बार हर घर पर जाएंगे।

महागठबंधन का विरोध जारी, तेजस्वी यादव की अगुवाई में मिला प्रतिनिधिमंडल

महागठबंधन ने इस प्रक्रिया को रोकने की मांग की है। तेजस्वी यादव की अगुवाई में शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर ग्रामीण व वंचित तबकों के लिए अन्य सरकारी दस्तावेजों को वैध मानने की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रक्रिया में सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन छेड़ा जाएगा।

उपेंद्र कुशवाहा और अन्य नेताओं ने भी उठाए सवाल

उपेंद्र कुशवाहा समेत कई अन्य नेताओं ने भी रिवीजन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि समय बहुत कम दिया गया है और आम लोगों को फॉर्म भरने में कठिनाई हो रही है।

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन एक तकनीकी प्रक्रिया से ज्यादा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जहां विपक्षी एकता के दावे के बीच मतभेद भी उभर कर सामने आ रहे हैं। अब देखना है कि क्या पप्पू यादव के विरोध का असर कांग्रेस और महागठबंधन की एकजुटता पर पड़ेगा या इसे सिर्फ व्यक्तिगत रणनीति माना जाएगा।

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