
रांची – भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आईपीएस अधिकारी Anurag Gupta को झारखंड का डीजीपी बनाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अवमानना याचिका वापस ले ली है।
#SupremeCourt refuses to entertain contempt petition questioning the appointment of Jharkhand Director General of Police (DGP) Anurag Gupta
CJI BR Gavai: “Don’t use the contempt jurisdiction to settle political scores. Settle the score before the electorate.” pic.twitter.com/atJJ0kE3i6
— Bar and Bench (@barandbench) August 18, 2025
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
DGP Anurag Gupta: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और भाजपा का पक्ष
सुप्रीम कोर्ट ने बाबूलाल मरांडी को याचिका वापस लेने की सलाह देते हुए कहा कि वे इस मामले में सीधे तौर पर पीड़ित नहीं हैं, इसलिए उन्हें पीआईएल वापस ले लेनी चाहिए। इस पर, मरांडी के वकील ने डीजीपी की नियुक्ति के मामले को हाईकोर्ट में सुनने का आग्रह किया।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर कहा कि मरांडी ने झारखंड हाईकोर्ट में पहले ही एक रिट याचिका दायर कर चयन प्रक्रिया को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को तीन हफ्ते बाद इस रिट याचिका पर सुनवाई करने का निर्देश दिया है। भाजपा ने उम्मीद जताई है कि अवैध तरीके से हुई डीजीपी की नियुक्ति पर जल्द ही फैसला आ सकता है।
DGP Anurag Gupta: कोर्ट ने जताई नाराजगी
इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक विवादों को निपटाने के लिए अवमानना और पीआईएल का इस्तेमाल किए जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि न्यायालयों की मॉनिटरिंग न होने से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं।
DGP Anurag Gupta: पूरा मामला क्या है?
बाबूलाल मरांडी ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी बनाए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी। उनका तर्क था कि डीजीपी को पद से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों की अनदेखी की गई है, जो कोर्ट की अवमानना है।



