
मणिपुर के मुख्यमंत्री N. Biren Singh ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इंफाल में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा।
Manipur CM N Biren Singh hands over the letter of resignation from the post of Chief Minister to Governor Ajay Kumar Bhalla at the Raj Bhavan in Imphal. pic.twitter.com/zcfGNVdPPo
— ANI (@ANI) February 9, 2025
उनका यह इस्तीफा मणिपुर में जारी जातीय हिंसा, पार्टी में बढ़ते असंतोष और राजनीतिक दबाव का परिणाम माना जा रहा है।
N. Biren Singh News: इस्तीफे से पहले दिल्ली में अहम बैठक
रविवार को गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बीरेन सिंह की 90 मिनट लंबी बैठक हुई। यह बैठक दिल्ली में गृहमंत्री के आवास पर आयोजित की गई थी। बैठक के बाद बीरेन सिंह सीधे इंफाल पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इस्तीफे की मुख्य वजहें
1️⃣ जातीय हिंसा और प्रशासनिक विफलता
मणिपुर में पिछले दो वर्षों से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष चल रहा था। यह हिंसा उस समय भड़क उठी जब मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग की गई।
- इस मांग के विरोध में 3 मई 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर (ATSUM) ने विरोध मार्च निकाला, जिसके बाद जातीय संघर्ष तेज हो गया।
- 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 1,809 घर जलाए गए और 243 लोग घायल हुए।
- मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार पर हिंसा को रोकने में असफल रहने के आरोप लगे, जिससे पार्टी के अंदर और जनता के बीच उनका विरोध बढ़ता गया।
2️⃣ पार्टी में बढ़ता असंतोष और अविश्वास प्रस्ताव
- मणिपुर सरकार में बीजेपी के कई विधायक और मंत्री बीरेन सिंह से नाराज थे और उनका विरोध कर रहे थे।
- एनडीए की सहयोगी पार्टी एनपीपी (नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने भी समर्थन वापस लेने के संकेत दिए थे।
- कांग्रेस ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की थी, जिससे सरकार पर संकट और गहरा हो गया।
3️⃣ विधानसभा सत्र से पहले बढ़ा दबाव
सोमवार से मणिपुर विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने वाला था, लेकिन इससे पहले ही मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।
- कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए इस्तीफा देना एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
- पार्टी के अंदर चल रहे असंतोष को देखते हुए बीजेपी नेतृत्व ने बीरेन सिंह को पद छोड़ने की सलाह दी।
मणिपुर हिंसा: कैसे भड़की और क्या हुआ?
हिंसा की शुरुआत (मई 2023)
मणिपुर में रहने वाले मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग की जा रही थी, लेकिन इसे कुकी समुदाय ने खारिज कर दिया।
- इस विवाद के चलते 3 मई 2023 को विरोध प्रदर्शन हुआ, जो जल्द ही हिंसक झड़पों में बदल गया।
- मैतेई और कुकी बहुल इलाकों में समुदायों ने एक-दूसरे पर हमले किए और हिंसा कई महीनों तक जारी रही।
हिंसा के आंकड़े (सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार)
- 250+ लोगों की मौत
- 46,000+ लोग विस्थापित
- 1,809 घर जलाए गए
- 243 लोग घायल हुए
N. Brien Singh News: अब आगे क्या?
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राजनीतिक अनिश्चितता बढ़ गई है। अब बीजेपी को नया मुख्यमंत्री नियुक्त करना होगा या फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है।
मणिपुर में शांति स्थापित करना नई सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। जातीय संघर्ष को खत्म करने और जनता का विश्वास बहाल करने के लिए राजनीतिक स्थिरता बेहद जरूरी है।
बीरेन सिंह का इस्तीफा राज्य की राजनीतिक स्थिति में बदलाव ला सकता है, लेकिन असली सवाल यह है कि मणिपुर में शांति कब और कैसे लौटेगी?



