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Jharkhand Vidhan Sabha में 5508 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, शिक्षा पर खास जोर

झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गुरुवार को सदन (Jharkhand Vidhan Sabha) में 5508 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया।

इस बजट में विभिन्न विभागों के लिए राजस्व और पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है। शुक्रवार को इस पर विधानसभा में विस्तृत चर्चा होगी और इसे मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

Jharkhand Vidhan Sabha: बजट सत्र और प्रमुख आवंटन

झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के तहत अब तक राज्यपाल के अभिभाषण पर दो दिन की चर्चा हो चुकी है। गुरुवार को वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट पेश किया, जिसमें शिक्षा सहित कई अहम क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है।

Jharkhand Vidhan Sabha: विभिन्न विभागों को आवंटित राशि:

  • कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग:
    • कृषि प्रभाग – 176.48 करोड़
    • पशुपालन प्रभाग – 241.34 करोड़
    • डेयरी प्रभाग – 131.50 करोड़
  • शिक्षा क्षेत्र:
    • उच्च एवं तकनीकी शिक्षा – 4135.97 करोड़
    • स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता – 12.35 करोड़
    • प्राथमिक एवं वयस्क शिक्षा – 39293.50 करोड़
    • सेकेंडरी शिक्षा प्रभाग – 18850.43 करोड़
  • कल्याण और विकास विभाग:
    • अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण – 6798.12 करोड़
    • ग्रामीण कार्य विभाग – 87329 करोड़
    • ग्रामीण विकास विभाग – 22692.94 करोड़
    • पंचायती राज विभाग – 2525.78 करोड़
    • महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा – 26668.69 करोड़
  • अन्य प्रमुख विभाग:
    • गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन – 50261 करोड़
    • जल संसाधन – 29334.04 करोड़
    • नगर विकास एवं आवास – 20441.68 करोड़
    • ऊर्जा विभाग – 97180.90 करोड़
    • स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण – 14289.39 करोड़

Jharkhand Vidhan Sabha: अल्पसंख्यक कल्याण पर बहस

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने राज्य में अल्पसंख्यकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में “मल्टी सेक्टोरल डेवलपमेंट प्रोग्राम” (MSDP) के तहत कोई योजना नहीं लाई गई और केंद्र सरकार से कोई फंड नहीं मिला। विभागीय मंत्री हफीजुल हसन ने इस पर सफाई दी कि कोरोना महामारी और राजनीतिक अस्थिरता के कारण योजनाएं प्रभावित हुईं, लेकिन अब 3 मार्च को इस संबंध में बैठक होगी।

प्रदीप यादव ने सवाल किया कि आखिर अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं? उन्होंने सुझाव दिया कि अल्पसंख्यक समुदाय को शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर दिए जाएं और उनके लिए अलग से विश्वविद्यालय स्थापित किया जाए। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि शेख भिखारी उर्दू-फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना पर सरकार काम कर रही है और जल्द ही मदरसा बोर्ड का गठन भी किया जाएगा।

जमीन विवाद पर जांच का आश्वासन

झामुमो विधायक अमित कुमार द्वारा जोन्हा में गैर-मजरूआ भूमि के दाखिल-खारिज से जुड़े प्रश्न पर मंत्री दीपक बिरुआ ने आश्वासन दिया कि 60 दिनों के भीतर मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश की जाएगी। यदि आरोप सही पाए गए, तो जमीन को तत्काल खाली कराया जाएगा।

5508 करोड़ के अनुपूरक बजट में शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर फोकस किया गया है। वहीं, विधानसभा में अल्पसंख्यक कल्याण, भूमि विवाद और अन्य मुद्दों को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। आने वाले दिनों में बजट पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दी जाएगी।

 

 

 

 

यह भी पढ़े: CM Hemant Soren की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: 18 फरवरी 2025

 

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