कब होगी बिहार में जातीय जनगणना?
Bihar: सोमवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar) ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रदेश स्तरीय जाति आधारित जनगणना पर कार्य आरंभ होने में अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. असल में केंद्रीय सरकार ने देश में राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना करने से मना कर दिया था. केंद्र सरकार के मना करने के पश्चात सीएम नीतीश कुमार ने प्रदेश स्तर पर यह कवायद आरंभ करने की बात कही थी.
मीडिया से बातचीत में सीएम ने बताया कि उन्होंने इस बात की सूचना नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी दी थी जिन्होंने बीते सप्ताह उनसे इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए भेंट भी की थी. नीतीश कुमार ने बताया कि अधिक समय नहीं लगेगा. हम एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे जहां प्रतिनिधि अपने विचार विमर्श दे सकेंगे. इसके पश्चात मंत्रिमंडल की मंजूरी में मिलेगी. कितने अधिकारी तैनात होंगे और कैसे कार्य किया जाएगा, इस पर भी सुझाव दिए जाएंगे.
चुनावी व्यवस्था बनी देर का कारण
जेडीयू (JDU) के नेता ने बताया कि प्रस्तावित सर्वदलीय बैठक इससे पूर्व भी हो सकती थी परंतु चुनाव जैसे अन्य कार्यक्रमों के कारण सभी से व्यस्त रहे. वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर ढिलाई बरतने का आरोप लगा रहे तेजस्वी यादव से उनकी भेंट के बारे में प्रश्न पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने बताया कि हमने उनको बता दिया है.
केंद्र सरकार ने किया था स्पष्ट तौर से इनकार
केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि बिहार में राजनीतिक दलों की जोरदार मांग के अलावा भी जनगणना के हिस्से के रूप में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अन्य जातियों की गणना करने में सक्षम नहीं है. दो बार राज्य विधान मंडल भी सर्व समिति से इस बारे में प्रस्ताव पारित कर चुका है. सीएम नीतीश कुमार ने बीते वर्ष इस मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से भी भेंट की थी. उस समय सीएम ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था इसमें राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी सम्मिलित थे.