Faizabad: भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में बना रहे Ram Mandir को इस चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बनाया.
‘Ram Ki Ayodhya’ rejects BJP; Samajwadi Party registers shocking victory in Faizabad#ElectionsWithTOI #ResultsWithTOI pic.twitter.com/W8RSuJBCmB
— The Times Of India (@timesofindia) June 4, 2024
इस मुद्दे ने देश के दूसरे हिस्से में भाजपा की कितनी सहायता की इसका आकलन तो बाद में होगा परंतु जहां यह राम मंदिर बन रहा है उसे फैजाबाद ने इस मुद्दे को हवा बिल्कुल भी नहीं दी. अयोध्या फैजाबाद सीट के अंतर्गत आता है. इस सीट पर भाजपा हर की तरफ बढ़ रही है. वहां सपा के अवधेश प्रसाद भारतीय जनता पार्टी के लल्लू सिंह पर 55 हजार से ज्यादा वोटो की बढ़त बनाए हुए हैं.
Ram Mandir: जनरल सीट पर उतरे दलित प्रत्याशी
समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा प्रयोग करते हुए मंदिरों के इस शहर से एक दलित को प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतारा था. उसकी यह रणनीति काम कर गई और वही अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह का संविधान बदलने को लेकर दिया गया बयान भारी पड़ता हुआ दिख रहा है.
चुनाव आयोग के ताजा हिंदुत्व की राजधानी मानी जाने वाली सीट अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी हर की कगार पर खड़ी है. राम मंदिर के निर्माण एवं कई विकास परियोजनाओं के पश्चात भी सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद भाजपा उम्मीदवार लल्लू सिंह पर बढ़त बनाए हैं.
Ram Mandir: कौन से मुद्दे ने किया कार्य
अयोध्या की जानकारी के अनुसार जातिगत समीकरण एवं अयोध्या के विकास के लिए जमीनों का अधिग्रहण को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. वहीं कांग्रेस का आरक्षण एवं संविधान का मुद्दा कार्य कर गया. लालू यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह संविधान में बदलाव के लिए भाजपा को 400 से ज्यादा सीटें जीताने की बात कह रहे थे. वहीं दूसरी और बसपा का कमजोर होना भी समाजवादी पार्टी की बढ़त में काफी लाभदायक हुआ.
कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का जो गठबंधन को 2017 में नहीं चल पाया था, वह गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जमकर वोट बटोर रहा है. यूपी के जानकारी के अनुसार इस चुनाव में मुस्लिम वोट ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान किया है. संविधान एवं आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे को हवा देकर इंडिया गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी के कर हिंदू वोट बैंक को भी बांट दिया.
विपक्ष ने इस नेगेटिव में एक बड़ी संख्या दलितों, आदिवासियों एवं पिछड़ों को भारतीय जनता पार्टी से दूर किया. बेरोजगारी एवं महंगाई के मुद्दे ने भी काफी काम किया.