AJSU: राज्य के युवाओं के हक-अधिकार के लिए एक बार पुनः छात्रों को गोलबंद करने की जरूरत है

आजसू अंदोलन की उपज है और यही हमारी पहचान भी है

Ranchi: आजसू (AJSU) अंदोलन की उपज है और यही हमारी पहचान भी है। राज्य के युवाओं के हक-अधिकार के लिए एक बार पुनः छात्रों को गोलबंद करने की जरूरत है। एक नए आंदोलन के साथ, युवाओं को संघर्ष का नया अध्याय लिखना होगा। युवा संगठित होकर नई पीढ़ी को गढ़ने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

उक्त बातें आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता एवं झारखंड आंदोलनकारी डॉ. देवशरण भगत ने हरमू, रांची स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आजसू पार्टी की सहयोगी इकाई अखिल झारखण्ड छात्र संघ के रांची जिला सम्मेलन के दौरान कही।

झारखंड के युवाओं में अपार क्षमता है, जरुरत है तो उसे सही दिशा देने की: AJSU

मौके पर उपस्थित आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता ने कहा कि झारखंड के युवाओं में अपार क्षमता है, जरुरत है तो उसे सही दिशा देने की। झारखंड में नौकरी एवं नियुक्तियों का हाल बेहाल है। सरकार ने चुनाव से पहले युवाओं के लिए बड़े-बड़े वादें किए, रोज नए सपने दिखाएं। लेकिन लगभग तीन सालों के कार्यकाल से यह साफ हो चुका कि ये सरकार मेनिफेस्टो और विज्ञापनों तक ही सीमित है।

समुचित संसाधन मिले तो उनमें असंभव को हासिल करने की क्षमता है: AJSU

जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार ने कहा कि युवाओं को एकजुट होकर छात्र हित के लिए आवाज मुखर करना होगा। युवा राज्य एवं राष्ट्र की प्रगति के नींव हैं। झारखंड के युवा आज खेल, उद्यमिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी काबिलियत के दम पर राज्य का नाम रोशन कर रहें। झारखंड के युवाओं को सही नेतृत्व एवं दिशा तथा समुचित संसाधन मिले तो उनमें असंभव को हासिल करने की क्षमता है।

अखिल झारखंड संघ के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सिंह ने जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि नई सोच, नई ऊर्जा के साथ आजसू एक बार फिर झारखंड में उलगुलान का एक नया इतिहास लिखेगा। आज राज्य के युवाओं की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। युवा सड़कों पर आ गए हैं। आज ही कई अखबारों में सरकार की नाकामियों का पूरा लेखा-जोखा लिखा गया है। जिसमें साफ साफ लिखा था कि – “परीक्षा तो दूर की बात है।

बीते 24 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में 50000 शिक्षकों की नियुक्ति की स्वीकृति मिली थी: AJSU

सरकारी नौकरी देने में आज शिक्षा विभाग किस तरह से पीछे है ,इसका ताजा उदाहरण शिक्षक नियुक्ति को लेकर है। बीते 24 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में 50000 शिक्षकों की नियुक्ति की स्वीकृति मिली थी। पहले चरण में 25,996 शिक्षकों की नियुक्ति होनी थी लेकिन कैबिनेट स्वीकृति के 102 दिन बाद भी नियुक्ति प्रक्रियाशुरूनहीं हो पाई है।” ऐसी परिस्थितियों में आजसू की जिम्मेदारी और बड़ी हो जाती है और हम व्यापक आंदोलन को लेकर तैयारी में जुट गए हैं।

ज्ञात को अगले महीने अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) का राज्यस्तरीय अधिवेशन होना है। इसी क्रम में संगठन का विस्तार, गठन एवं पुनर्गठन का कार्य किया जा रहा है तथा इस माध्यम से राज्य के एक लाख युवाओं को जोड़कर उनके नेतृत्व क्षमता को उभारना है। आजसू का मुख्य लक्ष्य ऐसे युवाओं की फौज तैयार करनी है जिन्हें झारखंड के इतिहास का बोध हो तथा सक्रिय रुप से झारखंडी राजनीति में अपनी भूमिका निभाएं।

जिला सम्मेलन में मुख्य रुप से हरीश कुमार, गौतम सिंह, जब्बार अंसारी, गदाधर महतो, ओम वर्मा, चेतन प्रकाश, ज्योत्सना केरकेट्टा, अनु तिर्की, राजकिशोर महतो, पप्पू महतो, दीपक साहू, नीतीश कुमार, कौशल कुमार, महावीर महतो, देवक मुंडा, संतोष तांती, दीपक महतो, लोकेश महतो, संदीप महतो, बुधवा मुंडा, राहुल तिवारी, जम्माल गद्दी, नीतीश सिंह, आशुतोष शुक्ला, अभय, विशाल यादव, राजा साहू, मयंक सिंह, करम सिंह, रौशन शेठ, धर्मेन्द्र यादव, नवीन कुमार, बसंत मंडल, प्रयाश महतो एवं सभी प्रखंड के छात्र नेता समित्ति के उपस्थित थे।

 

 

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