New Delhi: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने सोमवार को ADITYA L1 मिशन को लेकर एक खुशखबरी दी है।
Aditya-L1: Celebration of First Orbit Completion🌞🛰️
Today, Aditya-L1 completed its first halo orbit around the Sun-Earth L1 point. It took 178 days, to complete a revolution.Today’s station-keeping manoeuvre ensured a seamless transition into the second halo orbit. pic.twitter.com/SemsQe2lVs
— ISRO ADITYA-L1 (@ISRO_ADITYAL1) July 2, 2024
आदित्य L1 अंतरिक्ष यान ने सूर्य और पृथ्वी के बीच L1 लैंग्रेजियन बिंदु यानी हेलो ओर्बिट का एक रोटेशन पूरा कर लिया है। इस मिशन की उपलब्धि पर जानकारी देते हुए इसरो ने एक पर लिखा “आज आदित्य L1 ने L1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहले हेलो कक्षा पुरी की है। इस वर्ष 6 जनवरी को यान लैंग्रेजियन बिंदु पर पहुंचा था। इसके बाद ही लोग कक्षा पर एक चक्कर पूरा करने में यह को 178 दिन लगे।
बता दे की यह ज्ञान पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर पृथ्वी और सूर्य के बीच लैंग्रेजियन बिंदु 1 के चारों ओर एक हेलो कक्षा में परिक्रमा कर रहा है। इस मिशन के जरिए वायुमंडल, सौर चुंबकीय तूफानों और पृथ्वी के आसपास के पर्यावरण पर उनके प्रभाव का अध्ययन किया जा रहा है।
ADITYA L1 में लगे हैं 7 पेलोड
इस मिशन के पीछे इसरो के कई उद्देश्य है। जिस तरह पृथ्वी पर भूकंप आते हैं इस तरह सोलर भूकंप भी होते हैं जिन्हें कोरोनल मास इंजेक्शन कहा जाता है। सुर कंपनी का अध्ययन करने के लिए सूर्य की निगरानी बेहद जरूरी है। सूर्य के अतीत वर्तमान और भविष्य का पता लगाने के लिए भारत के पहले सौर मिशन आदित्य में 7 पेलोड लगे हुए हैं।