Ranchi: Jharkhand Vidhan Sabha में गुरुवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11,697.45 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू की एक विवादित टिप्पणी ने सदन की कार्यवाही में तनाव पैदा कर दिया।
राज्य में सत्ताधारी दल के विधायक #हेमलाल_मुर्मू का आदरणीय @yourBabulal जी और @ChampaiSoren जी पर दिया गया बयान उनके चारित्रिक और नैतिक पतन को दर्शाता है। हालिया चुनाव में जीत की खुमारी में डूबे सत्ताधारी दल को यह नहीं भूलना चाहिए कि जनता-जनार्दन सब देख और सुन रही है तथा सभ्य समाज… pic.twitter.com/RI3g6z9FpE
— Pradip Kumar Varma (@PKVarmaRanchi) December 12, 2024
Jharkhand Vidhan Sabha: अश्लील टिप्पणी पर विवाद
बजट पर चर्चा के दौरान, हेमलाल मुर्मू ने अपने भाषण में विपक्षी नेताओं के संदर्भ में एक टिप्पणी की, जो अश्लील मानी गई। उन्होंने कहा, “हल्दी लगा कर बावर्ची बनना बंद करिए।” इस बयान पर भाजपा विधायक डॉ. नीरा यादव ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताते हुए हेमलाल मुर्मू से माफी मांगने की मांग की।
डॉ. नीरा यादव ने कहा, “सदन में 12 महिला सदस्य हैं, जो अपने स्वाभिमान के साथ जीना चाहती हैं। ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।”
Jharkhand Vidhan Sabha: स्पीकर और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने इसे “स्लीप ऑफ टंग” बताते हुए कहा कि यदि शब्द पर आपत्ति है, तो इसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सदन के सभी सदस्यों को भाषा के चयन में संयम बरतना चाहिए।
अन्य मुद्दे
सत्र के दौरान विभिन्न विधायकों ने झारखंड में बढ़ते अपराध, बालू की उपलब्धता, और प्रशासनिक सुधारों पर भी सवाल उठाए:
- भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने राज्य में बढ़ते अपराध और महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की।
- भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने पलामू में बालू की कमी पर सरकार से कार्रवाई की मांग की।
- आजसू विधायक निर्मल महतो ने मांडू को अनुमंडल बनाने और ढ़ाढ़ी प्रखंड को रामगढ़ में शामिल करने की मांग की।
Jharkhand Vidhan Sabha: झामुमो के मुख्य सचेतक की घोषणा
सत्र के अंत में, स्पीकर ने झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो को झामुमो का मुख्य सचेतक बनाए जाने की घोषणा की।
यह सत्र बजट पारित करने के साथ समाप्त हुआ, लेकिन झामुमो विधायक की टिप्पणी से उत्पन्न विवाद ने सदन की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए।