Patna: पेयजल स्वच्छता मंत्री Nishikant Dubey को गढ़वा डीसी के द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के केस में सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया है. निशिकांत दुबे ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि मिथिलेश ठाकुर को गढ़वा डीसी के द्वारा दिए गए क्लीनचिट को चुनाव आयोग ने अमान्य माना है. उनके मुताबिक चुनाव आयोग मिथिलेश ठाकुर को सदस्य रद्द करने को लेकर नोटिस भेजने की तैयारी में है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस केस में गढ़वा डीसी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
Nishikant Dubey: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने गढ़वा डीसी को इस केस की कार्रवाई करने को कहा था
ज्ञात हो कि मंत्री मिथिलेश ठाकुर के विरुद्ध भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत की गई है और कहा गया है कि उन्होंने लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 का उल्लंघन किया है. मिथिलेश ठाकुर को इस कानून की धारा 9ए के अंतर्गत अयोग्य घोषित कर उनकी सदस्य खत्म की जाए. चुनाव आयोग ने शिकायत के आलोक में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से संपूर्ण रिपोर्ट मांगी थी. इस केस पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रवि कुमार ने गढ़वा डीसी को इस केस की कार्रवाई करने को कहा था.
DC की क्लीन चिट को आयोग ने नहीं माना । चुनाव आयोग इनको भी सदस्यता रद्द करने का नोटिस भेज रही है, संबंधित ज़िला उपायुक्त पर भी कार्रवाई की तैयारी है pic.twitter.com/EP3ugDlNWH
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 14, 2022
असल में रांची के कटारी बागान शाम लॉन्ग के निवासी सुनील कुमार महतो ने भारत निर्वाचन आयोग को चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी कि झारखंड में हुए 2019 के विधानसभा चुनाव में गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित मिथिलेश ठाकुर को निर्वाचन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9ए के तहत उनकी सदस्य खत्म करने योग्य हैं.
मिथिलेश ठाकुर के द्वारा गढ़वा से चुनाव लेने के लिए नामांकन के अपने फॉर्म-26 में दी गई जानकारी के मुताबिक वे मैसर्स सत्यम बिल्डर्स, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम एवं अमला टोला के पार्टनर हैं. यह कंपनी सरकारी ठेका लेने का कार्य करती है. मिथिलेश ठाकुर की कंपनी मेसर्स सत्यम बिल्डर्स के द्वारा सरकार के संघ की गई कई संविदाए विधानसभा निर्वाचन 2019 के समय अस्तित्व में थी.
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