Ranchi: CM Nitish Kumar ने गुरुवार को कहा कि उनकी समाधान यात्रा बहुत अच्छी रही। उन्होंने विकास कार्यों का मुआयना किया, जहां कोई कार्य अधूरा रह गया है उसे लेकर निर्देश भी दिए।
‘समाधान यात्रा’ के क्रम में आज पटना जिले में चल रहे विकास कार्यों एवं योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन करने तथा आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु आवश्यक कदम उठाने को कहा है। (1/2) pic.twitter.com/L0dO9Mtcb5
— Nitish Kumar (@NitishKumar) February 16, 2023
उन्हें पूर्ण किया जाएगा। दूसरी तरफ विपक्ष इसे टाइमपास यात्रा कह रहा है। बीजेपी का कहना है की समाधान यात्रा के बीच नीतीश कुमार बिहार की असलियत को नहीं जान पाए। अधिकारी उन्हें जो दिखा रहे थे उन्होंने वही देखा। साथ ही यात्रा में मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से दूरी बनाए रखी।
CM Nitish Kumar की छवि बदली?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पूर्व देशभर में विपक्षी दलों को एक साथ लाने की प्रयास कर रहे हैं। परंतु जदयू नेताओं का कहना है कि इस यात्रा का 2024 चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। पर इस यात्रा से जदयू ने नितीश कुमार की छवि को सुधारने की प्रयास की है। पिछले वर्ष जेडीयू के भाजपा के साथ जोड़कर आरजेडी कांग्रेस और अन्य दलों के संग सरकार बनाने के पश्चात कानून व्यवस्था, शराबबंदी समेत और मुद्दों पर प्रश्न उठाने लगे थे।
भाजपा लगातार बिहार में जंगलराज की वापसी का आरोप लगा रहे है। इस छवि को बदलने के लिए समाधान यात्रा निकाला गया, जिसमें जदयू कुछ हद तक सफल भी रही। परंतु किसका लोकसभा चुनाव में कितना फायदा होगा यह तो आगे ही पता चलेगा।
CM Nitish Kumar अब देश की यात्रा पर जाएंगे
सीएम नीतीश कुमार ने पिछले महीने कहा था कि बहुत जल्द वे देश की यात्रा पर जाएंगे। समाधान यात्रा के पश्चात बिहार विधानसभा का बजट सत्र होगा। उससे निपटाने के पश्चात में देश की यात्रा पर निकलेंगे और ठंडे बस्ते में चल रही उनकी विपक्षी एकजुटता का मुहिम को रफ्तार देंगे। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले माह से वे विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करने के लिए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री कैंडिडेट के रूप में नीतीश कुमार कितने मजबूत?
जदयू नेता CM Nitish Kumar को 2024 का विपक्ष प्रधानमंत्री कैंडिडेट मान रहे हैं। समाधान यात्रा के बीच जगह-जगह उनके समर्थकों ने ‘देश का पीएम कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ के नारे लगाए। परंतु मुख्यमंत्री नीतीश का कहना है कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई भी आकांक्षा नहीं है। समर्थक ऐसे ही नारेबाजी कर रहे हैं। परंतु, जदयू के साथ साथ राजद भी नीतीश कुमार को पीएम पद के मजबूत दावेदार के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है। परंतु महागठबंधन शामिल दूसरे दल इस पर एकमत नहीं है।
कांग्रेस CM नीतीश कुमार को विपक्षी प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाने पर सहमत नहीं है। क्योंकि वह राहुल गांधी को इसका दावेदार मानती है। इसी कारण प्रधानमंत्री कैंडिडेट के मामले में विपक्षी दलों में एकजुटता बन्ना टेढ़ी खीर है। क्या नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने और अपने आप को पीएम पद की मजबूत दावेदार बनाने में सफल हो पाएंगे? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।