Ranchi: अगर 26-27 अक्टूबर की रात को मंडल मुर्मू रांची पहुंच जाते, तो बरहेट विधानसभा सीट से Hemant Soren की उम्मीदवारी पर संकट आ सकता था।
इस स्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगता। लेकिन गिरिडीह पुलिस की सक्रियता से यह योजना विफल हो गई।
चंपई सोरेन का बगावत और बीजेपी में शामिल होना
3 जुलाई 2024 को जेल से बाहर आकर हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद संभाला था, जिसके बाद से उन पर चंपई सोरेन को हटाने का दबाव था। चंपई बाद में बीजेपी में चले गए, पर जेएमएम ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली। अब मंडल मुर्मू की घटना ने हेमंत के फैसले को सही साबित कर दिया है, क्योंकि अगर हेमंत मुख्यमंत्री नहीं होते तो उन पर सूरत जैसा हमला संभव हो सकता था।
Hemant Sorenसूरत जैसी साजिश बरहेट में रचने की थी तैयारी
हेमंत सोरेन ने 24 अक्टूबर को साहेबगंज जिले की बरहेट विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया, जिसमें उन्होंने शहीद सिद्धो-कान्हो के वंशज मंडल मुर्मू को अपना प्रस्तावक बनाया। लेकिन दो दिन बाद मंडल मुर्मू ने बीजेपी का रुख कर लिया। 26 अक्टूबर को उनकी मुलाकात गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे से हुई, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। माना जाता है कि बीजेपी का प्लान मंडल को अपने पाले में लाकर हेमंत का नामांकन रद्द कराना था।
पुलिस की सक्रियता और इंटेलिजेंस का इनपुट
सूत्रों के अनुसार, निशिकांत दुबे से मुलाकात के बाद मंडल रांची जाने के लिए साहेबगंज से निकले। इसी बीच इंटेलिजेंस को इसकी जानकारी मिल गई और पुलिस को सतर्क कर दिया गया। गिरिडीह पुलिस ने मंडल को रांची पहुंचने से पहले ही पकड़ लिया और उन्हें पूरी रात सरायढेला स्टेशन पर रखा। सुबह उन्हें साहेबगंज पुलिस के हवाले कर दिया गया।
मंडल मुर्मू ने इस दौरान खुद के अपहरण का आरोप लगाया और कहा कि वह किसी काम से रांची जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने जबरन उन्हें थाने में बैठाकर रखा। इस घटना के बाद जेएमएम ने राजनीतिक रूप से सक्रिय होकर बीजेपी पर साजिश का आरोप लगाया, जिससे बीजेपी को पीछे हटना पड़ा।
Hemant Soren News: गोड्डा में कराई गई मंडल मुर्मू की बीजेपी में शामिली
रांची में मंडल मुर्मू को बीजेपी में शामिल करने की योजना विफल होने के बाद, बीजेपी ने गोड्डा में ही मंडल की सदस्यता दिलाने का निर्णय लिया। 3 नवंबर की रात झारखंड चुनाव के प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा गोड्डा में निशिकांत दुबे के आवास पर पहुंचे, जहां मंडल को बीजेपी में शामिल किया गया। हालांकि, इस देरी के कारण हेमंत सोरेन की उम्मीदवारी को सुरक्षित रखा जा सका। अब मंडल द्वारा कोई आपत्ति दर्ज कराने का भी असर नहीं पड़ेगा।
एक चूक से Hemant Soren की उम्मीदवारी पर संकट आ सकता था
जेएमएम के सूत्रों का कहना है कि अगर मंडल रांची पहुंचकर बीजेपी में शामिल हो जाते और प्रस्तावक के रूप में उनके हस्ताक्षर का दावा न करते, तो हेमंत सोरेन का नामांकन रद्द हो सकता था। इसी प्रकार सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया था।
बरहेट सीट पर 20 नवंबर को मतदान
झारखंड के साहेबगंज जिले की बरहेट विधानसभा सीट पर 20 नवंबर को चुनाव होने जा रहे हैं। हेमंत सोरेन जेएमएम के उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने गमलियाल हेम्ब्रम को प्रत्याशी बनाया है। बरहेट को जेएमएम का मजबूत गढ़ माना जाता है, जहां हेमलाल मुर्मू पहले विधायक रह चुके हैं।
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