
रांची: कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री Shilpi Neha Tirkey ने मंगलवार को भूमि संरक्षण कार्यालय, रांची और भगवान बिरसा मुंडा लाह मूल्य संवर्द्धन शोध एवं प्रशिक्षण केंद्र, सिदरौल (नामकुम) का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति, कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्य संस्कृति की विस्तृत समीक्षा की।

Shilpi Neha Tirkey: योजनाओं को गति देने और अनुदान का लाभ अधिकतम देने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान मंत्री ने भूमि संरक्षण विभाग की विभिन्न योजनाओं जैसे डीप बोरिंग, परकोलेशन टैंक, तालाबों के जीर्णोद्धार, ट्रैक्टर और पंपसेट वितरण आदि का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि लाभुकों को अधिकतम लाभ मिले और प्रक्रिया सरल व पारदर्शी हो।

उन्होंने विधायकों द्वारा अनुशंसित योजनाओं के स्थल निरीक्षण में हो रही सुस्ती पर नाराजगी जताई। मंत्री ने निर्देश दिया कि JE/AE स्तर के अभियंता अगस्त अंत तक निरीक्षण कार्य पूर्ण करें, इसके बाद बीडीओ और सीओ स्तर पर जांच प्रतिवेदन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
“योजनाओं में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अक्टूबर से हर हाल में ज़मीनी कार्य शुरू हो।”
– शिल्पी नेहा तिर्की, कृषि मंत्री
Shilpi Neha Tirkey: लाह केंद्र की स्थिति पर असंतोष, प्रशिक्षण संसाधनों में सुधार के निर्देश
मंत्री तिर्की ने नामकुम स्थित लाह केंद्र का भी निरीक्षण किया, जहां कच्चा लाह संग्रहण, प्रसंस्करण और किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने देखा कि प्रशिक्षण उपकरण और संसाधनों के रखरखाव में लापरवाही बरती जा रही है।
मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द संसाधनों को दुरुस्त किया जाए और अधिक से अधिक किसानों को प्रशिक्षण से जोड़ा जाए, ताकि लाह उत्पादन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य नई ऊंचाइयां छू सके।

Shilpi Neha Tirkey: जिला स्तर पर समय-सीमा तय: अक्टूबर में शुरू होंगी सभी योजनाएं
मंत्री ने सभी योजनाओं की समयबद्ध रूप से शुरुआत के लिए टास्क और लक्ष्य तय कर दिए हैं। सितंबर तक योजनाओं की सूची तैयार कर जिला उपायुक्त को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। राज्य के सभी जिलों को इसके लिए निर्देश भी जारी किए जाएंगे।
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