Patna: Upendra Kushwaha: डोमिसाइल पॉलिसी में तब्दीली को लेकर नीतीश सरकार शिक्षक अभ्यार्थियों के निशाने पर आ गए हैं। शिक्षक अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। इस मसले पर जमकर राजनीतिक बयान बाजी भी हो रही है।
याद कीजिए –
पहली बार सरकार में आने के बाद नीतीश जी ने शिक्षक भर्ती हेतु एस सी वर्ग के अभ्यर्थियों की सभी पंचायतों में उपलब्धता नहीं होने के कारण पंचायत से बाहर प्रखंड भर के अभ्यर्थियों के आवेदक होने का अवसर देने का निर्णय लिया था।——- धुमधाम से राज करने वाली लालू…
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) June 28, 2023
दूसरी तरफ आरएलजीडी मुखिया Upendra Kushwaha इस पॉलिसी को लेकर बुधवार को राज्य सरकार पर हमला बोला। कुशवाहा ने कहा कि सुशासन सरकार की यह उपलब्धि है कि 18 वर्षों में बिहार के स्कूल पढ़ने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं पाए।
Upendra Kushwaha ने मुख्यमंत्री पर साधा निशाना
ट्विटर पर Upendra Kushwaha ने लिखा कि ‘स्मरण कीजिए कि पहली दफा सरकार में आने के पश्चात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षक भर्ती हेतु एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की सभी पंचायतों में उपलब्धता नहीं होने के वजह शिव पंचायत से बाहर प्रखंड भर के अभ्यर्थियों के आवेदन होने का अवसर देने का निर्णय लिया था। धूमधाम से राज करने वाली लालू सरकार की यही थी उपलब्धि की 15 सालों में एससी वर्ग के विद्यार्थी सभी पंचायतों में इंटर तक भी नहीं पहुंच पाए।’
कुल मिलाकर श्री @NitishKumar जी ने बिहार के वर्तमान और भविष्य को पूरी तरह से क्षत-विक्षत कर देने का मानो ठेका ही ले लिया है।
राज्य में जो नियोजित शिक्षक हैं और लाखों STET/CTET क्वालिफाइड शिक्षक अभ्यार्थी सालों से सरकार की लचर नियमावली एवं बहाली प्रक्रिया के कारण बेरोजगार बैठे… pic.twitter.com/IlXdJMJ2cF
— Upendra Kushwaha (@UpendraKushRLJD) June 27, 2023
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Upendra Kushwaha ने आगे लिखा कि ‘ वर्तमान बिहार सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए बिहार से बाहर के विद्यार्थियों के लिए यह कहकर दरवाजा खोल दिया कि गणित, विज्ञान, इंग्लिश, संस्कृत, हिंदी आदि विषयों में बिहार राज्य में शिक्षक बनने के योग्य विद्यार्थी नहीं है। घोर सुशासन वाली सरकार की यही उपलब्धि है कि 18 सालों में बिहार में स्कूल में पढ़ाने लायक पर्याप्त शिक्षक भी नहीं बना पाए। इसे कहते हैं को बड़े छोटे कहत अपराधू।
राज्य के शिक्षक अभ्यर्थी कर रहे हैं विरोध: Upendra Kushwaha
कैबिनेट में मंगलवार को 25 एजेंडों पर मोहर लगी। इनमें नए शिक्षक बहाली नियमावली में भी संशोधन किया गया। इससे यह क्लियर हो गया कि अब दूसरे राज्यों के अभ्यार्थी भी बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में भाग ले सकेंगे। इस निर्णय के आते ही विरोध शुरू हो गया है।