Ranchi: Bandhu Tirkey: आदिवासियों की संवैधानिक हक-अधिकारों और आदिवासियों के ज्वलंत मुद्दों के संघर्षों को दिशा देने के लिए झारखंड की राजधानी रांची में आगामी 4 फरवरी 2024 को आदिवासी एकता महारैली का आयोजन किया गया है।
4 फरवरी को आदिवासी एकता महारैली में होगी आदिवासियों की बात. सभी मुद्दों का समाधान. समन्वित, संतुलित, भेदभाव रहित व सम्पूर्ण विकास हेतु स्पष्ट रास्ता तैयार होगा. डीलिस्टिंग रैली केवल आदिवासियों में फूट डालने का प्रयास है और हम आदिवासी इस नियत को कभी सफल नहीं होने देंगे. pic.twitter.com/FMccML0BSK
— BANDHU TIRKEY (@bandhu_tirkey) December 27, 2023
आदिवासी समुदाय को एकजुट करना आज की प्राथमिकता है: Bandhu Tirkey
यह बातें पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने आज राजधानी रांची स्थित संगम गार्डेन हाल में आयोजित रांची शहर के विभिन्न आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि आदिवासी एकता महारैली का एकमात्र उद्देश्य आदिवासियों की ज्वलंत मुद्दों को देश की राजनितिक प्रमुख ऐजेण्डा में लाना और आदिवासी समुदाय को एकजुट करना आज की प्राथमिकता है।
श्री तिर्की ने कहा कि आदिवासियों के संबंध भी संतुलित भेदभाव रहित और संपूर्ण विकास के साथ ही उन्हें वैसे विभाजनकारी तत्वों से बचाना है जो अपनी केवल अपनी सत्ता के लिए लोगों को लड़ाने का काम कर रही है आदिवासी एकता महारैली का आयोजन के सिलसिले में आज अनेक सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक वैचारिक एवं मान्य संगठनों की एक बैठक को संबोधित करते हुए से तिरछी ने कहा कि झारखंड आदिवासी एकता महारैली के सिलसिले में विविध सामाजिक राजनीतिक वैचारिक एवं सांस्कृतिक संगठनों की आज राजधानी रांची में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए श्री तिर्की ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के बीच फूट डालकर अपने स्वार्थ के लिए उन्हें लड़वाने के साथ पिछले विधानसभा चुनाव में अपनी सफलता से बहुत अधिक उत्साहित है और वे अपने इस प्रयोग को झारखंड में दोहराना चाहते हैं ताकि आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में उन्हें सफलता मिल सके लेकिन झारखंड के आदिवासी जागरुक और समझदार होने के साथ ही एकजुट भी है और वह भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार की नीतियों को कभी भी सफल नहीं होने देंगे।
भाजपा पूरी तरह आदिवासियों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को खत्म करने पर आमादा है: Bandhu Tirkey
आदिवासी समन्वय समिति, झारखंड के संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा ने कहा कि आज आदिवासी समुदाय के बीच असंवैधानिक और गैर जरुरी चीजों को भाजपा आरएसएस के द्वारा थोपा जा रहा है। जबकि देश में काबिज केंद्र की भाजपा सरकार आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने कहा भाजपा पूरी तरह आदिवासियों के संविधान प्रदत्त अधिकारों को खत्म करने पर आमादा है।
आदिवासी समुदाय के उपर आज चौतरफा हमला जारी है: Bandhu Tirkey
प्रो0 जगदीश लोहरा ने कहा कि आदिवासी समाज को विघटनकारी ताकतों की एजेंडे को धकेल कर आदिवासी समुदाय के बुनियादी यथार्थवादी तार्किक बातों को सामने लाना है। पूर्व मेयर रमा खलखो ने कहा कि आदिवासी समाज को बांटकर हाशिये में धकेलने की कोशिश जारी है, इससे बचना है तो आदिवासी समुदाय को राजनीतिक तौर पर सचेत होना होगा। केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने कहा कि आदिवासी समुदाय के उपर आज चौतरफा हमला जारी है।
आदिवासी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष जगरनाथ उरांव ने कहा कि आदिवासी जमीन की लूट-खसौट आज बड़ा मुद्दा है। पूर्व टीएसी सदस्य रतन तिर्की ने कहा कि आदिवासी मुद्दों को लेकर व्यापाक स्तर पर जन जागरण अभियान चलाना होगा और संवैधानिक बातों से आदिवासी समुदाय को बताना होगा। इस बैठक में मुख्य रुप से राजेश लिंडा,संजय कच्छप,बेल्स तिर्की,दिनेश उरांव, सुरेन्द्र तिर्की,रोशन मुंडा,नीरा टोप्पो,मंटू मुंडा,सुका उरांव, शिबू तिर्की,उषा खलखो,कोइली उरांव,नगिया टोप्पो, राम रतन मसली, मंजू खलखो,सन्नी मुंडा, बसंती कुजूर महादेव टोप्पो,एतवा उरांव, विकास मुंडा आदि लोग उपस्थित थे।
यह भी पढ़े: 26 दिसंबर को सभी जिलों,मंडलों में राष्ट्रीय वीर बाल दिवस मनाएगी BJP