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क्या है Jharkhand सरकार का स्थानीय निति को लेकर प्लान?

Ranchi: Jharkhand स्थानीय निति को हेमंत सरकार ने मानसून सत्र में ही लाने की कवायद सुरु कर दी है।

एक तरफ, CM हेमंत सोरेन के रिकार्डेड ऑडियो कॉल के द्वारा प्रतियोगी एग्जाम देनेवाले तक़रीबन तीन लाख युवाओं से उनकी राय ली जा रही है।दूसरी तरफ निति बनाने की प्रोसेस भी चालू है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री निरंतर अपने सहयोगिओं से बात कर रहे है।

यह निश्चित है की Jharkhand सरकार बजट सत्र में ही स्थानीय निति लाने जा रही है

पार्टी लेवल पर निरंतर सलाह-मशविरा की जा रही है। JMM के सुप्रियो भट्टाचार्य कहते है कि यह निश्चित है की सरकार बजट सत्र में ही स्थानीय निति लाने जा रही है। इस वक़्त निति के स्वरुप को लेकर चिंतन की जा रही है। सूत्रों ने यह भी कहा की 1932 खतियान को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए अंतिम सर्वे को भी आधार बनाया जायेगा, ताकि कोल्हान और अन्य इलाकों में कोई विवाद ना हो।

भूमिहीनों के मामले में ग्रामसभा का भी प्रावधान करने का विचार किया जा रहा है। पूर्व में लाई गई निति को झारखण्ड हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था, इसी वजह से सरकार ऐसी निति लाना चाहती है, जिसे कोर्ट में चुनौती दी नहीं जा सके।

Jharkhand News: बहाली प्रक्रिया जल्द शुरू करने पर है जोर

झारखंड सरकार का फोकस जल्द जेएएसी के द्वारा दोबारा बहाली की प्रक्रिया आरंभ करने पर है। इसके लिए 2016 के पहले वाली ही नियोजन नीति करके बहाली की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। दूसरी तरफ 1932 खतियान आधारित नीति पर झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करने पर भी बातचीत चल रही है। इसका मतलब की एक तरफ 2016 के पूर्व वाली नीति के अनुसार बहाली होती रहे और दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट में काम चलता रहे। क् परंतु या अंतिम रूप से तय नहीं है। सीएम अभी युवाओं की राय ले रहे हैं राय आने के पश्चात ही इस पर अमल किया जाएगा।

Jharkhand News: इस पर छात्र नेता क्या कहते हैं

देवेंद्र नाथ महतो जोगी झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के नियोजन नीति आंदोलनकारी छात्र नेता है उनका कहना है कि अगर यह सरकार को सच में छात्रों के भविष्य की चिंता है, तो पड़ोसी राज्य बिहार के तर्ज पर नियोजन नीति दिनांक 3 मार्च 1982 पत्रांक 5014/81-806 के आधार पर स्पष्ट संवैधानिक नियोजन नीति लागू कर तत्काल नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू करें।

Jharkhand News: प्रतियोगिता परीक्षा में बैठने वाले 3 लाख छात्रों से ली जा रही है राय

जेपीएससी और जेएसएससी के अभ्यर्थियों का सारा डाटा सरकार के पास है। इनके नंबर पर पहले मैसेज जाता है उसके पश्चात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की आवाज में एक pre-recorded कॉल जाती है जिसमें छात्रों को यस और नो में जवाब मांगा जाता है।

Jharkhand Politics: क्या होता है “संदेश”

जोहार माननीय मुख्यमंत्री नियोजन नीति एवं नियुक्ति प्रक्रिया पर आपकी राय जानना चाहते हैं। इस विषय पर आप से जल्द ही संपर्क किया जाएगा। मोबाइल पर इस संदेश के पश्चात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिकॉर्ड आवाज वाली कॉल आती है।

क्या है रिकॉर्ड मैसेज

जोहार साथियों स्थानीय नीति पर हम हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी यह जब तक 1932 के खतियान पर आधारित नियोजन नीति और पिछड़े वर्गों को 27% आरक्षण नीति के विषय को नौवीं अनुसूची में संरक्षण नहीं मिल जाता तब तक के लिए 2016 से पहले की नियोजन नीति को बहाल करते हुए नियुक्ति प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाएं? मेरा पूरा प्रयास है कि राज्य के आदिवासी मूलवासी के हितों की रक्षा की जाए।

साथी रोजगार नौकरी के पर्याप्त अवसर भी समय पर उपलब्ध हो। युवा साथियों मैं आप ही में से एक हूं ऐसी परिस्थिति में मैं आपकी राय जानना चाहता हूं कि पूर्व की नियोजन नीति के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया को आरंभ कर देनी चाहिए? हां या नहीं में आप अपना उत्तर दें।

Jharkhand Domicile Policy: क्या है वर्ष 2016 के पहले की नीति

18 अप्रैल 2016 के पूर्व झारखंड में नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापनों में 50% पद आरक्षित होते थे। बाकी 50% सीटें झारखंडी और गैर झारखंड यों के लिए होते थे। अभ्यार्थी जब फॉर्म भरते थे तो उनसे सवाल पूछा जा सकता कि आप झारखंड के निवासी हैं। हां मैं उधर आने पर आधार कार्ड नंबर मांगा जाता था।

Jharkhand Domicile Policy: क्या 18 अप्रैल 2016 की जारी नीति

तत्कालीन रघुवर दास सरकार ने 18 अप्रैल 2016 को स्थानीय नीति को परिभाषित किया था। इसके तहत झारखंड राज्य में 30 वर्ष से अधिक समय से रहने वाले और अचल संपत्ति अर्जित करने वालों को स्थानीय माना गया है।

 

 

 

 

 

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