
Terror attack: जम्मू-कश्मीर के शांत माने जाने वाले पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को जो हुआ, उसने एक बार फिर घाटी में शांति की उम्मीदों को झकझोर दिया।
27 से अधिक लोगों की मौत, कई घायल, और एक बार फिर आतंकवादियों का स्पष्ट संदेश—डर फैलाओ, भरोसा तोड़ो।
Terror attack- आतंक का निशाना: पर्यटक और आम नागरिक
पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में पर्यटक जब टट्टू की सवारी कर रहे थे, पिकनिक मना रहे थे, तब हथियारबंद आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाकर इस सुंदर घाटी को खून से रंग दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों ने पहचान पूछकर गोली चलाई—यह सुनियोजित हमला था, आकस्मिक नहीं।
Terror attack: केंद्र और राज्य की त्वरित प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, और सुरक्षा अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाएगा, उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा।” साथ ही, घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
TRF—लश्कर का नया नाम, पुराना चेहरा
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जिसे सुरक्षा एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप मानती हैं। यह संगठन पिछले कुछ वर्षों से “लोन वुल्फ” और घातक हमलों के लिए कुख्यात है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि हमलावर किश्तवाड़ से कोकेरनाग होते हुए बैसरन तक पहुंचे थे।
अमरनाथ यात्रा पर मंडराता खतरा
घटना ऐसे समय हुई है जब अमरनाथ यात्रा शुरू होने ही वाली है। यह हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है—कश्मीर की संवेदनशीलता और पर्यटन स्थलों पर आतंक का साया अब भी बरकरार है। अमरनाथ यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु घाटी में आते हैं, और इस हमले ने उनकी सुरक्षा को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है।
Terror attack: पुलवामा के बाद सबसे बड़ा हमला
2019 के पुलवामा हमले के बाद यह घाटी में सबसे घातक हमला माना जा रहा है। यह हमला न सिर्फ सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि पर्यटन आधारित कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी झटका देता है, जो हाल के वर्षों में धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही थी।



