BiharHeadlinesJharkhandPoliticsStatesTrending

तेजस्वी बनाम Tej Pratap: पारिवारिक कलह या सियासी वर्चस्व? बीजेपी विधायक ने उठाए गंभीर सवाल

पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के भीतर वर्चस्व की लड़ाई एक बार फिर सुर्खियों में है। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे Tej Pratap Yadav की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।

इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक संजय उपाध्याय ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और सीधे तौर पर कहा है कि यह पूरा मामला “लालू यादव के बाद RJD पर पकड़ की लड़ाई” है।

बीजेपी विधायक का बयान: ‘यह जनता नहीं, पारिवारिक मामला है’

भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने कहा,

“राजद अब सिर्फ लालू यादव के परिवार तक सीमित रह गई है। अब सवाल यह है कि लालू यादव के बाद पार्टी पर अधिकार किसका होगा – तेजस्वी या तेज प्रताप का। यह पूरी तरह से पारिवारिक झगड़ा है, जिसका बिहार की जनता से कोई सीधा वास्ता नहीं है।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस पारिवारिक घमासान का असर राजद की राजनीतिक रणनीतियों पर साफ तौर पर दिख रहा है।

“हम बस यही चाहेंगे कि उनका परिवार एकजुट रहे, लेकिन बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को ही मजबूत विकल्प मानती है,” उपाध्याय ने जोड़ा।

 

Tej Pratap Yadav का इमोशनल सोशल मीडिया संदेश

तेज प्रताप यादव ने रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दो भावुक पोस्ट किए, जिनमें उन्होंने अपने माता-पिता के प्रति असीम प्रेम और भक्ति जाहिर की।
उन्होंने लिखा:

मम्मी-पापा, मेरी पूरी दुनिया आप दोनों में ही सिमटी है… मुझे आपके प्यार और विश्वास के अलावा कुछ नहीं चाहिए।

लेकिन इसके साथ ही उनका दूसरा पोस्ट राजनीतिक और पारिवारिक संकेतों से भरा नजर आया:

मेरे अर्जुन को मुझसे अलग करने का सपना देखने वालों, याद रखो, तुम कृष्ण की सेना तो ले सकते हो, लेकिन कृष्ण को नहीं।

इस पोस्ट में तेज प्रताप ने तेजस्वी यादव को “अर्जुन” और खुद को “कृष्ण” बताते हुए न केवल भाईचारे की बात कही, बल्कि यह भी इशारा किया कि पार्टी और परिवार में कुछ लोग दोनों भाइयों को अलग करने की साजिश कर रहे हैं।

क्या RJD में बढ़ रही है अंदरूनी खींचतान?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव ने इस तरह के संकेत दिए हों। बीते कुछ वर्षों में उन्होंने कई बार पार्टी से नाराजगी जताई है और तेजस्वी यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।

हालांकि, तेजस्वी यादव की ओर से अभी तक इन पोस्टों पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

 लालू यादव की चुप्पी, बड़ा संकेत?

आरजेडी में संभावित अंदरूनी कलह के इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव की चुप्पी भी ध्यान खींच रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता फिलहाल इस मसले पर बोलने से बच रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सिर्फ भावनात्मक पोस्ट हैं या फिर आरजेडी के भीतर एक गहरा सत्ता संघर्ष शुरू हो चुका है।

 

 

 

 

 

यह भी पढ़े: Rohit Sharma लेना चाहते थे MS धोनी जैसा विदाई, BCCI ने नहीं दी इजाजत — टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button