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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: PM Modi के नेतृत्व में लाखों लोगों ने किया योग, बनाया कीर्तिमान

नई दिल्ली। 21 जून 2025 को मनाए गए 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देशवासियों और वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर योग को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया।

राजधानी सहित देश के कोने-कोने और विदेशों में भी लाखों लोगों ने एक साथ योग कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

PM Modi ने योग दिवस पर अपने संबोधन में कहा,

“आज 11 साल बाद हम देख रहे हैं कि योग दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। मुझे गर्व होता है जब मैं देखता हूं कि हमारे दिव्यांग साथी योग शास्त्र पढ़ते हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग करते हैं।”

योग: भारत से विश्व तक का सफर- PM Modi

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक वैश्विक चेतना और एकता का माध्यम बन चुका है। उन्होंने बताया कि भारत अब योग के वैज्ञानिक आधार को और सुदृढ़ करने के लिए आधुनिक चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है, ताकि योग को चिकित्सा के क्षेत्र में और अधिक प्रासंगिक बनाया जा सके।

PM Modi ने ‘Yoga For One Earth, One Health’ का दिया संदेश

मोदी ने इस अवसर पर “Yoga For One Earth, One Health” का नारा देते हुए इसे एक वैश्विक संकल्प बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह मानवता को एक सूत्र में बांधने का कार्य भी करता है।

योग: ‘मैं’ से ‘हम’ की यात्रा

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा:

“योग हमें सिखाता है कि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं हैं, हम प्रकृति का अभिन्न अंग हैं। यह हमें ‘मैं’ से ‘हम’ की ओर ले जाता है, और यही सेवा, समर्पण तथा सह-अस्तित्व का आधार है।”

उन्होंने आगे कहा:

“भारत की संस्कृति हमें सिखाती है– ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’, यानी सभी का कल्याण ही मेरा कर्तव्य है।”

वैश्विक समुदाय से अपील

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मंच से यह अपील की कि हर देश और समाज योग को एक साझा जिम्मेदारी मानकर सामूहिक कल्याण की दिशा में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह दिन केवल योग करने का नहीं, बल्कि मानवता की सेवा और आंतरिक शांति को वैश्विक नीति बनाने का अवसर बनना चाहिए।

इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एक बार फिर भारत की सांस्कृतिक शक्ति, आध्यात्मिक गहराई और वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक बनकर सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यह दिन न सिर्फ एक सामूहिक योगाभ्यास का प्रतीक रहा, बल्कि एक वैश्विक चेतना का संदेश भी बना– जहाँ हर मनुष्य, समाज और देश योग के माध्यम से शांति, संतुलन और समरसता की ओर अग्रसर हो।

 

 

 

 

 

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