
घाटशिला उपचुनाव में सियासी संग्राम तेज • झामुमो और भाजपा ने भरी हुंकार, दोनों दलों ने जीत का किया दावा
जमशेदपुर/घाटशिला।
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत गर्मा गई है। सत्ता पक्ष झामुमो और विपक्ष भाजपा दोनों ही अपने-अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरते नजर आ रहे हैं। रविवार को झामुमो और भाजपा, दोनों दलों के दिग्गज नेताओं ने कार्यकर्ता सम्मेलनों में जीत का दावा किया और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया।
“सिर्फ विधायक नहीं, मंत्री का चुनाव होगा” – सुदिव्य कुमार
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार ने घाटशिला टाउन हॉल में आयोजित झामुमो कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी उपचुनाव केवल विधायक चुनने का नहीं, बल्कि मंत्री चुनने का चुनाव है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि मॉक पोल और मतदान से एक घंटा पहले सभी बूथों पर सक्रिय रहें। साथ ही दावा किया कि घाटशिला में भी भाजपा को करारी हार मिलेगी।
इस मौके पर सांसद जोबा माझी, पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू और कुणाल पाडंगी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
“हर बूथ से 500 वोट झामुमो के पक्ष में तय करें” – दीपक बिरुआ
भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने कार्यकर्ताओं से कहा कि संगठन तभी मजबूत होगा, जब हर कार्यकर्ता अपने क्षेत्र को जीत का केंद्र बनाए। उन्होंने लक्ष्य रखा कि प्रत्येक बूथ पर 10 बैठकें हों और कम से कम 500 वोट झामुमो के पक्ष में सुनिश्चित किए जाएं।
दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन ने कहा कि यह चुनाव राजनीति से परे जनभावनाओं से जुड़ा हुआ है और वे अपने पिता के अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
“सरकार की विफलता के खिलाफ वोटिंग होगी” – बाबूलाल मरांडी

वहीं, भाजपा ने भी घाटशिला में शक्ति प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष सह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पंचायत स्तरीय नेताओं की बैठक में कहा कि इस उपचुनाव में जनता राज्य सरकार की विफलता के खिलाफ वोट करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार बने एक साल पूरा होने को है, लेकिन जनहित के कामों में पूरी तरह असफल रही है।
मरांडी ने नेताओं से मंडल स्तर पर बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया और कहा कि चुनाव बूथ जीतने से ही जीता जा सकता है।
“आदिवासियों का हुआ शोषण” – आदित्य साहू
राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य प्रसाद साहू ने आरोप लगाया कि आदिवासी हित की बात करने वाली सरकार में सबसे ज्यादा शोषण आदिवासियों का ही हुआ है। उन्होंने विश्वास जताया कि घाटशिला की जनता उपचुनाव में इसका जवाब देगी।इस बैठक में सांसद विद्युतवरण महतो और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी समेत कई भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
👉 घाटशिला उपचुनाव अब केवल स्थानीय नहीं, बल्कि राज्य स्तरीय सियासी प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है। एक ओर झामुमो दिवंगत रामदास सोरेन की विरासत और विकास कार्यों के सहारे जीत का दावा कर रही है, वहीं भाजपा सरकार की नाकामियों और आदिवासी मुद्दों को हथियार बनाकर मैदान में उतरी है।



