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Bihar: 60 सीटों की मांग पर तेजस्वी-सहनी में खटास? महागठबंधन की बैठक छोड़ दिल्ली पहुंचे मुकेश सहनी, एनडीए से भी मिल रहा है न्योता

Bihar विधानसभा चुनाव 2025 के ठीक पहले सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन में तनातनी तेज हो गई है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी, जो लगातार 60 सीटों की मांग कर रहे हैं, बुधवार को पटना में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के घर बुलाई गई महागठबंधन की अहम बैठक में शामिल नहीं हुए। सहनी बैठक छोड़ दिल्ली रवाना हो गए, जबकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बालगोविंद बिंद कोर्डिनेशन कमिटी मीटिंग में पहुंचे।

Bihar News: सीट शेयरिंग पर वीआईपी का ‘अल्टीमेटम’

  • मुकेश सहनी दो दिन पहले सोशल मीडिया पर खुले तौर पर ऐलान कर चुके हैं कि VIP 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

  • उन्होंने पार्टी का दूसरा एजेंडा भी जारी किया: विधानसभा की कुल सीटों में से 50% पर अति पिछड़ा वर्ग (OBC), एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया जाएगा।

  • सहनी ने इंटरव्यू में दावा किया—’मीटिंग की सूचना रात में आई, मैं दिल्ली के लिए निकल चुका था, इसलिए प्रदेश अध्यक्ष को भेजा।’

Bihar News: महागठबंधन में असहजता, 2020 की पुनरावृत्ति?

  • 2020 विधानसभा चुनाव में भी सहनी सीटों को लेकर नाराज हो महागठबंधन से बाहर हुए थे और अंतिम समय में एनडीए में शामिल हो गए थे।

  • तब एनडीए में उन्हें 11 सीटें मिलीं, 4 विधायक जीतने में सफल रहे और वे बिहार सरकार में मंत्री बने।

  • लेकिन यूपी चुनाव में बीजेपी विरोधी उम्मीदवार उतारने के कारण न केवल मंत्रिमंडल से बर्खास्त हुए, बल्कि उनके 3 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए।

Bihar News: एनडीए की ‘घर वापसी’ कवायद

ताजा घटनाक्रम के बीच NDA में भी सहनी को वापस लाने की कोशिशें तेज हैं। हम के नेता और मंत्री संतोष कुमार सुमन ने बुधवार को सार्वजनिक बयान में कहा—”तेजस्वी 60 सीट देने वाले नहीं हैं, इसलिए सहनी को चाहिए कि वो एनडीए के साथ आ जाएं। उनका समाज भी एनडीए के साथ है।” चिराग पासवान समेत कई एनडीए नेता भी लगातार बयानबाजी कर सहनी को एनडीए वापसी का न्योता दे रहे हैं।

सीट बंटवारे और समाज विशेष को सशक्तिकरण के मुद्दे पर मुकेश सहनी एक बार फिर महागठबंधन को ‘टफ बार्गेन’ की मुद्रा में ला चुके हैं। अगर मसला नहीं सुलझा, तो बीते चुनाव की तरह अंतिम समय में बड़ा सत्ता समीकरण बदल सकता है। फिलहाल महागठबंधन और एनडीए—दोनों ही सहनी को अपने खेमे में लाने को सक्रिय हैं। आगे के हफ्ते बिहार चुनावी राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

 

 

 

 

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