
पटना – Bihar Vidhan Sabha chunav : बिहार में वर्ष 2025 के अंत तक संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
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भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। इस सम्बंध में आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह… pic.twitter.com/kJhDQX2QtC— DISTRICT ADMlNISTRATION SARAN (@Saran_dm) June 25, 2025
चुनाव आयोग की नौ सदस्यीय टीम बुधवार शाम पटना पहुंच चुकी है और अगले तीन दिनों तक चुनावी तैयारियों की व्यापक समीक्षा करेगी। इस दौरे में टीम राज्य के विभिन्न प्रमंडलीय मुख्यालयों में जाकर अधिकारियों के साथ बैठक करेगी।
Bihar Vidhan Sabha Chunav : पटना में अहम बैठक आज
गुरुवार को राजधानी पटना में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद कुमार गुंजियाल की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। इसमें राज्य के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीएम) शामिल होंगे। बैठक में बूथ स्तर से लेकर लॉजिस्टिक व्यवस्था, सुरक्षा और ईवीएम की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
Bihar Vidhan Sabha Chunav : शुक्रवार को होगा विशेष प्रशिक्षण सत्र
चुनाव आयोग की टीम शुक्रवार को राज्य को चार भागों में विभाजित कर सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, डीएम, निर्वाचन पदाधिकारियों और सहायक निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ प्रशिक्षण बैठक करेगी। इसमें चुनावी प्रक्रिया की बारीकियों और आदर्श आचार संहिता से संबंधित मुद्दों पर विशेष फोकस होगा।
Bihar Vidhan Sabha Chunav: आठ राजनीतिक दलों को मिला चुनाव चिह्न
चुनाव आयोग ने हाल ही में राज्य के आठ क्षेत्रीय दलों को नवीन चुनाव चिह्न आवंटित किए हैं, जिनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) – गैस सिलेंडर
- जनसुराज पार्टी (प्रशांत किशोर की पार्टी) – स्कूल बैग
- विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) – नाविक और पाल सहित नाव
इन प्रतीकों के आवंटन से यह स्पष्ट है कि आगामी चुनाव में क्षेत्रीय दल भी मजबूती से मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
बिहार में चुनावी तैयारियों ने रफ्तार पकड़ ली है। निर्वाचन आयोग की टीम का राज्य में आना यह संकेत देता है कि आयोग पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय है। आगामी बैठकों और समीक्षा से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हो। राजनीतिक दलों में भी हलचल बढ़ गई है, जिससे यह चुनाव पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धी होने की संभावना है।



