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8 एकड़ जमीन घोटाले में JMM नेता समेत 4 को Supreme Court से राहत, मिली जमानत — जानिए पूरा मामला

रांची: JMM: झारखंड की राजधानी रांची के बड़गाईं अंचल में हुए बहुचर्चित 8.46 एकड़ जमीन घोटाले मामले में Supreme Court ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेता आनंद तिर्की उर्फ अंतु तिर्की समेत चार आरोपियों को बड़ी राहत दी है।

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को चारों आरोपियों को जमानत दे दी। इससे पहले झारखंड हाईकोर्ट ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सभी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

JMM News: कौन-कौन आरोपी हैं?

सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने वालों में शामिल हैं:

  • आनंद तिर्की उर्फ अंतु तिर्की (JMM नेता)
  • इरशाद अख्तर (जमीन कारोबारी)
  • अफसर अली
  • मो. इरशाद

JMM News: क्या है पूरा मामला?

यह जमीन घोटाला बड़गाईं अंचल की 8.46 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए जमीन की हेराफेरी की गई। आरोप है कि इस फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड मो. सद्दाम हुसैन था, जिसकी पूछताछ के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी विपिन सिंह समेत 9 लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

JMM News: कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

जांच में सामने आया कि वर्ष 1971 के एक सेल डीड को कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय से छेड़छाड़ कर नया रूप दिया गया। इस प्रक्रिया में सरकारी राजस्व कर्मी भानु प्रताप प्रसाद की भी मिलीभगत सामने आई।

  • 4.83 एकड़ जमीन, जो एक भोक्ता परिवार की थी, उसका नाम बदलकर दूसरे के नाम पर कर दिया गया।
  • इस भूमि को सामान्य प्रकृति की बताकर बिक्री योग्य बना दिया गया।
  • 22.61 करोड़ रुपये मूल्य की इस जमीन को करीब 100 करोड़ रुपये में बेचने की योजना थी।

ईडी ने इस मामले में कुल 10 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है, जिनमें अंतु तिर्की, भानु प्रताप प्रसाद, शेखर कुशवाहा, इरशाद अख्तर, अफसर अली आदि शामिल हैं।

अब तक की कार्रवाई

इस मामले में ED ने अप्रैल 2023 और अप्रैल 2024 में शेखर कुशवाहा के ठिकानों पर दो बार छापेमारी की थी। पूछताछ में असंतोषजनक जवाब मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया। जमीन की खरीद-बिक्री में शेखर कुशवाहा और उसके सहयोगियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।

क्या आगे होगा?

सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद चारों आरोपियों को फिलहाल राहत मिल गई है, लेकिन मामले की जांच और अदालती प्रक्रिया अभी जारी है। जमानत का मतलब दोषमुक्ति नहीं होता और ED की चार्जशीट पर अदालत में आगे सुनवाई होगी।

 

 

 

 

 

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