
गोड्डा: आजसू पार्टी के संथाल प्रमंडलीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ी, जहां पार्टी प्रमुख Sudesh Mahto ने हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के पास युवाओं के भविष्य के लिए कोई ठोस नीति नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विकास की राजनीति छोड़कर वोट बैंक की राजनीति में उलझा हुआ है और समाज को विभाजित कर सत्ता में बने रहना चाहता है।
झारखंड राज्य आजसू के संघर्ष का नतीजा – Sudesh Mahto
Sudesh Mahto ने कहा कि झारखंड राज्य आजसू पार्टी के संघर्ष का परिणाम है, जबकि झामुमो और कांग्रेस ने झारखंड आंदोलन की सौदेबाजी की थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड को विकास की राह पर लाने के लिए आजसू पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सम्मेलन में जुटे संथाल परगना के कार्यकर्ता और नेता
गोड्डा में आयोजित इस सम्मेलन में संथाल परगना के छह जिलों के आजसू कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सुदेश महतो ने दीप प्रज्वलन से की। इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और आजसू की नीतियों को जनता तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
नेताओं ने सरकार पर किए सवाल
पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के विकास को रोकना चाहती है, ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न हो सकें। उन्होंने सवाल किया,
- नौकरियां कब आएंगी?
- स्कूलों में शिक्षक कब नियुक्त होंगे?
- गरीबों को आवास कब मिलेगा?
आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि झामुमो सरकार की प्राथमिकता केवल जातीय और सामाजिक विभाजन पैदा करना है, ताकि वोटों का ध्रुवीकरण कर सत्ता में बने रह सके।
झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि अगर आजसू पार्टी नहीं होती, तो झारखंड राज्य कभी नहीं बनता।
सम्मेलन में शामिल हुए ये नेता
सम्मेलन को पूर्व आईएएस ब्रजमोहन राम, संजय मेहता, संजीव महतो, खालिद ज़लील, सुजीत मुर्मू, राजा साहनी और चतुरानंद पांडे ने भी संबोधित किया।
इस सम्मेलन के दौरान आजसू पार्टी ने कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने और जनता के बीच जाकर पार्टी की विचारधारा को मजबूत करने का संदेश दिया।