India में सेमीकंडक्टर उत्पादन को मिलेगा 1.26 लाख करोड़ का निवेश
India ने सेमीकंडक्टर उद्योग में एक नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने तीन नई सेमीकंडक्टर यूनिट्स के लिए मंजूरी दी है।
India Tech news: टाटा और पावरचिप की सेमीकंडक्टर यूनिट गुजरात में होगी स्थापित
यह निर्णय देश में सेमीकंडक्टर्स की बढ़ती मांग को देखते हुए लिया गया है, जिससे अब तक की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को और बढ़ाया जा सकेगा। हाल के वर्षों में, सेमीकंडक्टर की मांग तेजी से बढ़ी है, लेकिन इसकी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की कमी के कारण आवश्यकताएँ पूरी करने में कठिनाई हो रही थी।
India Tech News: 1.26 लाख करोड़ के निवेश से 20,000 तकनीकी नौकरियाँ पैदा होंगी
कम्युनिकेशंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये तीन यूनिट्स मिलकर कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करेंगी। इनमें से पहली यूनिट टाटा ग्रुप और पावरचिप-ताइवान द्वारा गुजरात के धोलेरा में स्थापित की जाएगी। ये यूनिट्स सालाना 300 करोड़ चिप्स का उत्पादन करने की क्षमता रखेंगी और इससे लगभग 20,000 तकनीकी नौकरियाँ उत्पन्न होंगी।
India Tech News: असम में पूर्वोत्तर की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट बनेगी
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि इन यूनिट्स से भारत में सेमीकंडक्टर के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार होगा, जिससे चिप डिजाइन और फैब्रिकेशन की क्षमता भी विकसित होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहली सेमीकंडक्टर यूनिट असम में स्थापित की जाएगी, जो क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति देगी।
भारत को मिलेगा 50% सरकारी वित्तीय सहयोग से सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही घोषणा की थी कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए केंद्र सरकार 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। अमेरिका की कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी भी भारत में सेमीकंडक्टर्स के निर्माण की योजना बना रही है और गुजरात के साणंद में एक एडवांस्ड सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट स्थापित करने की तैयारी कर रही है।
माइक्रोन टेक्नोलॉजी और रिलायंस इंडस्ट्रीज भी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में करेंगी निवेश
भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास की दिशा में यह कदम न केवल रोजगार सृजन करेगा, बल्कि देश को तकनीकी रूप से भी सशक्त बनाएगा। इसके साथ ही, रिलायंस इंडस्ट्रीज भी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में प्रवेश करने की योजना बना रही है, जिसके लिए विदेशी चिप निर्माता कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है।इस प्रकार, भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है, और इससे वैश्विक स्तर पर इसकी प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी।