
पटना | Bihar Congress में टिकट बंटवारे को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अनुशासन समिति द्वारा 43 नेताओं को जारी किए गए ‘कारण बताओ नोटिस’ का जवाब देते हुए नाराज नेताओं ने अब प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की ही घेराबंदी शुरू कर दी है।
इन नेताओं ने न केवल अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है, बल्कि अनुशासन समिति के गठन और उसकी वैधता पर ही गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Bihar Congress: अनुशासन समिति के गठन को बताया अवैध
पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा भेजे गए नोटिस का सामूहिक जवाब देते हुए 27 वरिष्ठ नेताओं ने समिति के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी है।
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संवैधानिक तर्क: नेताओं का कहना है कि पार्टी संविधान के मुताबिक अनुशासन समिति का गठन संगठन महासचिव द्वारा किया जाता है। प्रदेश स्तर पर ऐसी समिति की नियुक्ति का न तो कोई प्रावधान है और न ही कोई परंपरा रही है।
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समय सीमा पर सवाल: नेताओं ने पार्टी संविधान के अनुच्छेद-19 का हवाला देते हुए कहा कि नोटिस का जवाब देने के लिए नियमानुसार दो सप्ताह (14 दिन) का समय मिलना चाहिए, लेकिन किस मजबूरी में उन्हें सिर्फ 5 दिन का वक्त दिया गया?
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AICC सदस्यों को नोटिस: बागी नेताओं ने यह भी पूछा कि एआईसीसी (AICC) सदस्यों को राज्य स्तरीय समिति द्वारा कार्रवाई का नोटिस कैसे भेजा जा सकता है?
Bihar Congress: हमने धांधली के खिलाफ आवाज उठाई, पार्टी के खिलाफ नहीं
नाराज नेताओं ने अपने जवाब में स्पष्ट किया है कि वे किसी भी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं थे। उनका कहना है, “हमने सिर्फ टिकट बंटवारे में हुई पैसों की लेन-देन, धांधली और भाजपा पृष्ठभूमि के लोगों को टिकट देने के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसे अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि पार्टी को बचाने का प्रयास माना जाना चाहिए।”
नेताओं ने दावा किया कि पार्टी के वरीय नेताओं के निर्देश पर वे चुनाव प्रचार में सक्रिय रहे और उन्हें चुनाव के बाद शीर्ष नेतृत्व से बात कराने का आश्वासन मिला था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नोटिस थमा दिया गया।
इन प्रमुख नेताओं ने दिया जवाब
अनुशासन समिति द्वारा 43 नेताओं को नोटिस भेजा गया था, जिनमें से अधिकांश ने अपना जवाब सौंप दिया है। जवाब देने वाले प्रमुख चेहरों में आनंद माधव, छत्रपति यादव, गजानंद शाही, बंटी चौधरी, राजकुमार राजन, मधुरेंद्र कुमार सिंह, सूरज सिन्हा, नागेंद्र पासवान विकल और अजय प्रताप सिंह शामिल हैं। फिलहाल अनुशासन समिति इन जवाबों का अध्ययन कर रही है।



