
पटना | बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अब एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी ने हार की समीक्षा के साथ-साथ उन ‘भितरघातियों’ (Saboteurs) की पहचान शुरू कर दी है, जिन्होंने चुनाव में पार्टी या महागठबंधन के खिलाफ काम किया। तेजस्वी यादव के निर्देश पर ऐसे नेताओं की सूची तैयार की जा रही है और जल्द ही संगठन में बड़े पैमाने पर छंटनी की जाएगी।
RJD News: पटना ऑफिस में शुरू हुई ‘पेशी’
बुधवार को पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में समीक्षा बैठकों का दौर शुरू हुआ। पहले दिन मगध प्रमंडल के जीते हुए विधायकों और हारे हुए प्रत्याशियों को तलब किया गया। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली इस मैराथन बैठक में प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल, अब्दुलबारी सिद्दिकी और भोला यादव जैसे वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
RJD News: लिखित में लिए जा रहे विरोधियों के नाम
बैठक में उम्मीदवारों ने अपनी हार का ठीकरा उन स्थानीय नेताओं पर फोड़ा है, जिन्होंने पार्टी में रहते हुए विरोधियों की मदद की। उम्मीदवारों ने लिखित रिपोर्ट में उन नेताओं के नाम उजागर किए हैं, जो चुनाव के दौरान आरजेडी का झंडा छोड़कर विपक्षी दलों के लिए काम कर रहे थे। पार्टी का मानना है कि इन्हीं ‘आस्तीन के सांपों’ की वजह से महागठबंधन को कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा।
दो चरणों में होगी स्क्रूटनी, फिर बाहर का रास्ता
आरजेडी ने ‘सफाई अभियान’ के लिए एक ठोस प्रक्रिया तय की है:
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पहला चरण (4 दिसंबर तक): सभी प्रमंडलों के प्रत्याशियों से लिखित रिपोर्ट और भितरघातियों के नाम लिए जाएंगे। (गुरुवार को सारण और शुक्रवार को पूर्णिया प्रमंडल की बारी है)।
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दूसरा चरण (5 से 9 दिसंबर): जिलाध्यक्षों, प्रधान महासचिव और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इन नामों का सत्यापन (Cross-verification) किया जाएगा।
आरोपियों से होगा जवाब-तलब
जिन नेताओं का नाम ‘ब्लैक लिस्ट’ में आएगा, उनसे पार्टी स्पष्टीकरण मांगेगी। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। पार्टी का मकसद संगठन को अनुशासनहीनता से मुक्त करना और भविष्य के लिए एक वफादार टीम तैयार करना है।



