Ranchi: Deepak Prakash ने कहा कि राज्य सरकार केवल राज्य की सवा तीन करोड़ जनता को ही दिग्भ्रमित नही कर रही बल्कि राज्य की सर्वोच्च पंचायत विधानसभा को भी दिग्भ्रमित कर रही है।
श्री प्रकाश ने कहा विधानसभा अध्यक्ष का पद दलीय राजनीति से ऊपर होता है। लेकिन झारखंड विधानसभा के माननीय अध्यक्ष राज्य सरकार के इशारे पर अपने पद और सदन दोनो की मर्यादाओं को तार तार कर रहे हैं।
भाजपा को नया नेता प्रतिपक्ष चुनने केलिए कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है: Deepak Prakash
उन्होंने कहा कि भाजपा को नया नेता प्रतिपक्ष चुनने केलिए कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। श्री प्रकाश ने कहा इस आशय का खण्डन मीडिया के माध्यम से इसके पूर्व भी किया जा चुका है। चित्त भी मेरी और पट्ट भी मेरी के हिसाब से राज्य को चलाने की कोशिश कर रही जिससे राज्य को बहुत बड़ी क्षति हो रही।
श्री प्रकाश ने कहा कि भाजपा ने विधिवत तरीके से नेता विधायक दल का चुनाव करके विधानसभा अध्यक्ष को प्रारंभ में ही दे दिया है लेकिन मुख्यमंत्री के इशारे पर माननीय विधानसभा अध्यक्ष ने उसे अनावश्यक विवादित बनाते हुए राज्य की संवैधानिक नियुक्तियों को जानबूझकर लटका दिया है।
सरकार को मालूम होना चाहिए कि गलती से गलती को नही छुपाया जा सकता: Deepak Prakash
उन्होंने कहा कि जब लोकायुक्त,महिला आयोग और सूचना आयोग जैसी संस्थाओं के पूर्ण गठन का मामला न्यायालय में चला गया तो राज्य सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने की कोशिश कर रही है। अपनी गलतियों पर पर्दा डालने केलिए राज्य सरकार दूसरी गलती का सहारा ले रही। जबकि सरकार को मालूम होना चाहिए कि गलती से गलती को नही छुपाया जा सकता।
राज्य के अत्यावश्यक संवैधानिक संस्थाओं के पूर्ण गठन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए: Deepak Prakash
Deepak Prakash ने कहा कि माननीय विधानसभा अध्यक्ष राज्यहित में नेता प्रतिपक्ष से जुड़े अपने न्यायाधिकरण में लंबित वाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें। उन्हे सत्तापक्ष का हथियार बनने से परहेज करना चाहिए। तथा राज्य के अत्यावश्यक संवैधानिक संस्थाओं के पूर्ण गठन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए।
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